नई दिल्ली। टाटा संस और इसके पूर्व चेयरमैन साइरस पी मिस्त्री के बीच लड़ाई ने अब पूरी तरह से कानूनी रूप ले लिया है। टाटा संस ने मंगलवार को साइरस मिस्त्री को कानूनी नोटिस भेजा है। टाटा संस ने साइरस मिस्त्री पर गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
इससे पहले साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा और टाटा संस के खिलाफ नेशनल कंपनीज लॉ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। अपनी अर्जी में उन्होंने टाटा समूह पर कुप्रबंधन और अंतरिम चेयरमैन के गैर-जरूरी दखल के आरोप लगाए थे।
टाटा संस ने मिस्त्री को संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा करने के आरोप में यह नोटिस भेजा है। साइरस मिस्त्री को अपदस्थ कर पिछले दिनों रतन टाटा ने ग्रुप की कमान संभाल ली थी। इसके बाद से ही साइरस और रतन टाटा के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है।
नोटिस में कहा गया है कि,
टाटा संस का निदेशक रहते हुए कंपनी की गोपनीय व संवेदनशील सूचना को अपनी व अपने परिवार द्वारा संचालित कंपनियों को लीक करके आपने टाटा संस की गोपनीयता के दायित्वों, आर्थिक जिम्मेदारियों तथा टाटा आचार संहिता के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया।
- यह पहला मौका है, जब रतन टाटा की ओर से साइरस मिस्त्री को कानूनी नोटिस भेजा गया है।
- पिछले सप्ताह ही रतन टाटा ने कहा था कि बीते दो महीनों से उनकी छवि को धूमिल करने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं।
- हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि अंत में सच निकलकर आएगा।
- रतन टाटा ने कहा था कि अपदस्थ किए गए पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और नुस्ली वाडिया की ओर से उन पर लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन हैं और दुखद हैं।