नई दिल्ली। चेयरमैन पद से हटाने के बाद टाटा संस के बोर्ड से साइरस मिस्त्री को बाहर करने के लिए 103 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी ने 6 फरवरी को शेयरहोल्डर्स की बैठक (EGM) बुलाई है।
टाटा संस ने 24 अक्टूबर को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। इसके बाद अपनी ऑपरेटिंग कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स और टीसीएस जैसी कंपनियों के बोर्ड से भी उनको बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके बाद मिस्त्री ने टाटा ग्रुप की छह कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उन्होंने टाटा संस और इसके अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में मामला दर्ज किया था।
टाटा संस ने साइरस मिस्त्री से वापस मांगे सभी गोपनीय दस्तावेज
24 अक्टूबर 2016 को बोर्ड मीटिंग के बाद टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को तत्तकाल प्रभाव से चेयरमैन पद से हटाकर रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बना दिया था, लेकिन वह कंपनी के निदेशक पद पर बने हुए थे।
असाधारण आम सभा के लिए भेजे गए पत्र में टाटा संस ने कहा है कि मिस्त्री को हटाए जाने के बाद उन्होंने कंपनी पर कुछ निराधार आरोप लगाए हैं। इससे न सिर्फ टाटा संस लिमिटेड और इसके निदेशकों पर आक्षेप लगे हैं बल्कि पूरेे टाटा समूह की साख पर बट्टा लगा है। गोपनीय दस्तावेजों समेत कई आंतरिक संचार पत्रों को सार्वजनिक किया गया। मिस्त्री के आचरण से टाटा समूह और इसके शेयरधारकों और कर्मचारियों समेत हितधारकों को नुकसान पहुंचा है।
नोटिस में कहा गया है कि टाटा संस में मिस्त्री के निदेशक के तौर पर बने रहना असर्मथनीय है इसलिए उन्हें बोर्ड से बाहर किया जाना चाहिए। मिस्त्री को हटाने के लिए लाए गए संकल्प में कहा गया है कि टाटा संस लिमिटेड के बोर्ड का मानना है कि बोर्ड में मिस्त्री की निरंतरता से बोर्ड कार्यवाही की अखंडता खतरे में पड़ सकती है और बोर्ड के निर्णयों और कार्यवाही की गोपनीयता सुनिश्चित नहीं की जा सकती है।