नई दिल्ली। बैंकों को फंसे कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने जो दिवाला शोधन प्रक्रिया शुरू की है उसके तहत पहली सफलता हाथ लगी है। शुक्रवार को टाटा स्टील की तरफ से कर्ज में फंसी भूषण स्टील में हिस्सा खरीद की घोषणा के बाद भूषण स्टील में बैंकों के फंसे अरबों रुपए वापस मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
देश के बैंकों की तरफ से दिया हुआ करीब 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज फंसा हुआ कर्ज (NPA) घोषित हुआ है। इस कर्ज को डूबने से बचाने और बैंको को इसकी आंच से दूर रखने के लिए सरकार ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 (Insolvency and Bankruptcy Code 2016) के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्नेंसी रेसोल्यूशन प्रोसेस (CRIP) शुरू की हुई है। इस दिवा3ला शोधन प्रक्रिया के तहत टाटा स्ट्ली ने भूषण स्टील में 36400 करोड़ रुपए में 72.65 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है।
गौरतलब है कि बैंकों के फंसे हुए 10 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में कई छोटे-मोटे कर्ज तो हैं ही लेकिन 12 ऐसे कर्ज हैं जिनकी रकम बहुत ज्यादा है और कुल NPA की ज्यादातर हिस्सेदारी उसी में है। अब उन बड़े NPA की संख्या 12 से घटकर 11 रह गई है और सरकार ने इसे अपनी पड़ी सफलता बताया है।
भूषण स्टील के टाटा समूह द्वारा अधिग्रहण किए जाने को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि दिवाला शोधन प्रक्रिया के तहत की गई यह कार्रवाई बैंकों के फंसे कर्ज जैसे पुराने मुद्दों के समाधान की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।