नई दिल्ली। टाटा पावर का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 45 प्रतिशत घटकर 234.16 करोड़ रुपए रह गया। हालांकि, इस दौरान कंपनी पर 152 करोड़ रुपए का एकमुश्त प्रभाव पड़ने से पहले उसका कर भुगतान के बाद मुनाफा 386 करोड़ रुपए रहा, जो कि पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में 427 करोड़ रुपए रहा था।
टाटा पावर ने कहा है कि उसके निदेशक मंडल ने कंपनी को निजी नियोजन के आधार पर एक अथवा अधिक किस्तों में 3,500 करोड़ रुपए के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने कहा है कि समीक्षाधीन तिमाही में उसका नवीनीकरण कारोबार का मुनाफा दोगुना से अधिक बढ़कर 173 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 86 करोड़ रुपए था।
टाटा पावर की एकीकृत राजस्व इस दौरान 7,393 करोड़ रुपए रहा, जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 7,285 करोड़ रुपए पर था। टाटा पावर ने अपनी सभी अनुषंगी कंपनियों के साथ मिलकर इस दौरान 1,444 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया। कंपनी ने कहा कि उसने जार्जिया में 187 मेगावाट के जलविद्युत परियोजना का निर्माण पूरा कर लिया है। इसमें उत्पादन जल्द ही शुरू होगा।
पीएफसी को दूसरी तिमाही में 1,886.59 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में मामूली बढ़कर 1,886.59 करोड़ रुपए रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2016-17 की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 1,873.42 करोड़ रुपए था।
आलोच्य तिमाही में पीएफसी की कुल आय बढ़कर 7,108.57 करोड़ रुपए रही, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2016-17 की इसी तिमाही में 6999.76 करोड़ रुपए थी। पीएफसी के निदेशक मंडल ने 2017-18 के लिए 10 रुपए के अंकित मूल्य के शेयर पर 6 रुपए का अंतरिम लाभांश देने को भी मंजूरी दी, लाभांश भुगतान दिसंबर 2017 या उससे पहले किया जाएगा।