मुंबई। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी टाटा मोटर्स ने दिल्ली-एनसीआर में कार बेचने की नई नई स्ट्रैट्जी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए 2000 सीसी से अधिक डीजल इंजन पर प्रतिबंध से बचने के लिए अपने इंजनों की क्षमता को कम करने की योजना बना रही है। कोर्ट के प्रतिबंध वाले फैसले से सफारी और सूमो की बिक्री पर गहरा नकारात्मक असर पड़ा है।
टाटा मोटर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कार्यक्रम योजना और परियोजना प्रबंधन यात्री वाहन इकाई) गिरीश वाघ ने कहा कि हम अपने मौजूदा इंजनों को दो लीटर से कम पर लाने के लिए उनकी नए सिरे से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। इससे पहले महिंद्रा भी स्कॉर्पियो की क्षमता घटाकर लॉन्च कर चुकी है। यह नई स्ट्रैट्जी कंपनी की बिक्री बढ़ाने में मददगार होगी।
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रकों को छोड़कर 2,000 सीसी क्षमता से अधिक के डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर 30 अप्रैल तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में डीजल से संचालित सभी टैक्सियों को सीएनजी में तब्दील करने के लिए समय सीमा भी एक महीने के लिए बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले यह प्रतिबंध 31 मार्च तक के लिए लगाया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने यह समय सीमा एक महीने के लिए और बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सबसे अधिक प्रभावित जर्मनी की लग्जरी कार बनाने वाली मर्सिडीज बेंज और टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंडरोवर (जेएलआर) है क्योंकि उनके सारे मॉडल 2,000 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले हैं। मर्सिडीज बेंज भारत में कुल 24 मॉडल बेचती है।