मुंबई। टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष सायरस मिस्त्री के करीबी सहयोगी और टाटा संस ग्रुप के भंग किए गए एग्जीक्यूटिव काउंसिल (GEC) के सदस्य प्रोफेसर निर्मल्य कुमार ने खुलासा किया है कि कैसे उन्हें एक मिनट के अंदर पद से हटा दिया गया। लंदन बिजनेस स्कूल के पूर्व प्रोफेसर कुमार ने अपने ब्लॉग में ‘I Just Got Fired’ शीर्षक से आलेख लिखा है।
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कुमार ने कहा, फोन पर ही आया आदेश
- अपने आलेख में कुमार ने कहा, 24 अक्टूबर की रात 9 बजे के करीब मुझे मेरे एक सहयोगीका फोन आया।
- उसने मुझे बताया-‘यह मेरा अप्रिय कर्तव्य है और मुझे यह बताने के लिए कहा गया है कि अब ग्रुप को आपकी सेवा की जरूरत नहीं है।’
- मैंने उससे पूछा-‘इसका मतलब यह कि कल सुबह मैं नहीं दिखूं।’
- उसका सकारात्मक जबाव आया। जी हां। और यह सब एक मिनट के अंदर हो गया।
- कुमार ने लिखा है, ऐसा नहीं है कि मुझे मेरे काम में कमी की वजह से निकाला गया (मेरा पिछला मूल्यांकन बेहतरीन था)।
- मैंने हमेशा बेहतर किया। मुझे सिर्फ इसलिए निकाला गया कि मैं उस पद पर था और सायरस के साथ मिलकर अच्छा और व्यापक पैमाने पर काम कर रहा था।
18 साल की उम्र से काम करने वाला पहली बार हुआ बेरोजगार
- कुमार ने लिखा है कि 18 साल की उम्र से वह काम कर रहे हैं और पहली बार वह अब बेरोजगार हुए हैं।
- उन्होंने लिखा है, 30 साल के कैरियर में मुझे तीन बॉस ने प्रभावित किया है।
- एक हैं ल्यू स्टर्न जिनके अंडर नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया, दूसरे हैं एलबीएस के डीन लॉरा टाइसन और तीसरे आप, धन्यवाद साइरस।
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मिस्त्री से पहले ही पद छोड़ने को कहा गया था
- उल्लेखनीय है कि सायरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने से पहले पद छोड़ने को कहा गया था लेकिन मिस्त्री ने इससे इनकार कर दिया था।
- बताया जाता है कि बोर्ड मीटिंग से ठीक पहले मिस्त्री को पद छोड़ने को कहा गया।
- मिस्त्री के इनकार के बाद जब मीटिंग में उन्हें हटाने का प्रस्ताव पास किया गया तो साइरस ने इसे अवैध करार दिया।