नई दिल्ली। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर क्षेत्र का दिग्गज टाटा ग्रुप (Tata Group) सोमवार को कर्ज के बोझ से दबी राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) को खरीदने के लिए अपना अभिरुचि पत्र (expression of interest) सरकार को सौंपेगी। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर है और सरकार ने समय सीमा नहीं बढ़ाई है। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समय सीमा सोमवार को समाप्त हो रही है। इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि टाटा ग्रुप के अलावा अडानी और हिंदुजा ग्रुप भी एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी इसी नो-फ्रिल सब्सिडियरी एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड के साथ और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेस प्रा. लि. में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। हालांकि, सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों के लिए इन्टीमेशन तारीख को बढ़ाकर 5 जनवरी तक कर दिया है, जो पहले 29 दिसंबर तक थी। यह शॉर्टलिस्ट किए गए बिडर्स के नामों की घोषणा करने की तारीख है। फिजिकल बिड 29 दिसंबर तक होनी चाहिए।
बोली लगाने के लिए टाटा ग्रुप लेगा एयर एशिया का सहारा
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टाटा ग्रुप अपनी बजट एयरलाइन ज्वॉइंट वेंचर एयर एशिया इंडिया का उपयोग एयर इंडिया का अधिग्रहण करने में करेगा। ऐसी भी खबरें हैं कि टाटा ग्रुप एयर एशिया में अपनी हिस्सेदारी को वित्त वर्ष 2020-21 के अंत तक बढ़ाकर 76 प्रतिशत करेगा।
2018 में नहीं मिली थी कोई बोली
एयर इंडिया के लिए 2018 में कोई भी खरीदार सामने नहीं आया था। उस समय सरकार ने 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की पेशकश की थी। लेकिन इस बार 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री पेशकश की वजह से कई कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है। एयर इंडिया पर 23,286 करोड़ रुपये का कर्ज है।
टाटा ग्रुप ने की थी 1932 में एयर इंडिया की शुरुआत
टाटा ग्रुप ने 1932 में एयर इंडिया की स्थापना टाटा एयरलाइंस के नाम से की थी, जिसका 1953 में राष्ट्रीयकरण किया गया और टाटा ग्रुप इससे बाहर निकल गया। राष्ट्रीय एयरलाइन बनने के बाद इसका नाम एयर इंडिया रखा गया। इस वजह से ऐसा माना जा रहा है कि एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के हाथ में आ सकती है। 8.34 लाख करोड़ रुपये वाले टाटा ग्रुप ने अपनी इकाई एयर एशिया इंडिया को एयर इंडिया को खरीदने के लिए अपना अभिरुचि पत्र जमा करने के लिए चुना है।
एयर इंडिया के कर्मचारी भी लगा रहे हैं बोली
एयर इंडिया के 209 कर्मचारियों का एक समूह एक निजी फाइनेंसर के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय एयरलाइन के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है। एयर इंडिया के कर्मचारी एक निजी इक्विटी फंड के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय वाहक के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहे हैं और प्रत्येक कर्मचारी को बोली के लिए 1 लाख रुपये का योगदान करने के लिए कहा जाएगा।बोली प्रक्रिया का नेतृत्व एयर इंडिया की कॉमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मल्लिक कर रही हैं। हालांकि, पायलटों और केबिन क्रू का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनियनों ने अपने सदस्यों को कर्मचारी बोली में भाग नहीं लेने की सलाह दी है।