नई दिल्ली। 147 साल पुराना टाटा समूह ब्रांड वैल्यू के मामले में एक बार फिर नंबर-1 बन गया है। ग्लोबल ब्रांड कंसल्टेंसी इंटरब्रांड की ताजा रिपोर्ट में टाटा समूह की ब्रांड वैल्यू 66,940 करोड़ रुपए आंकी गई है। जो कि पिछले साल 59,840 करोड़ रुपए के मुकाबले 12 फीसदी अधिक है। 2014 में भी टाटा समूह देश का टॉप वैल्यूड ब्रांड था। इस सूची में टाटा समूह के बाद मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को स्थान मिला है। तीसरे पायदान पर सुनील भारती मित्तल की एयरटेल है।
टॉप 10 लिस्ट में सिर्फ दो सरकारी कंपनियां
इंटरब्रांड की रिपोर्ट में टॉ 10 मोस्ट वैल्यूड कंपनियों की सूची में 8 निजी कंपनियां शामिल हैं। जबकि सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन(एलआईसी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ही इस सूची में अपनी जगह बना पाए हैं। एलआईसी को लिस्ट में चौथा स्थान दिया गया है। वहीं एसबीआई पांचवे स्थान पर है। इसके बाद एचडीएफसी, इंफोसिस, आईसीआईसीआई, गोदरेज और महिंद्रा को जगह मिली है।
इन तीन पैरामीटर पर तय होती है रैंकिंग
इंटरब्रांड के मुताबिक कंपनियों की ब्रांड रैंकिंग को तय करने के लिए तीन मानक तय किए गए हैं। पहला फाइनेंशियल प्रॉफिट, कंज्यूमर को खरीद के लिए प्रेरित करने में ब्रांड का योगदान और ब्रांड की कुल क्षमता। इंटरब्रांड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष मिश्रा के मुताबिक टाटा समूह की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने के पीछे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज(टीसीएस) का अहम योगदान रहा है। कंपनी की यह सॉफ्टवेयर फर्म देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। 1868 में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित इस कंपनी की दुनिया भर के 150 देशों में 100 से अधिक कंपनियां हैं।