नई दिल्ली। टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई टाटा डिजिटल लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि वह ऑनलाइन स्वास्थ्य देखभाल स्टार्टअप 1एमजी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। कंपनी ने हालांकि इस सौदे के लिए वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया। टाटा डिजिटल ने कुछ दिनों पहले क्योरफिट हेल्थकेयर में लगभग 550 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा कि 1एमजी में उसका निवेश एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के टाटा समूह के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
टाटा डिजिटल ने कहा कि ई-फार्मेसी, ई-डायग्नोस्टिक और टेली-परामर्श इस पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण खंड हैं, जो सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में शामिल हैं। टाटा डिजिटल के सीईओ प्रतीक पाल ने एक बयान में कहा कि 1एमजी में निवेश से ई-फार्मेसी और ई-डायग्नोस्टिक के क्षेत्र में बेहतर ग्राहक अनुभव और उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद और सेवाएं मुहैया कराने की टाटा की क्षमता को मजबूती मिलेगी। 1एमजी के सह-संस्थापक और सीईओ प्रशांत टंडन ने कहा कि टाटा का निवेश कंपनी की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
भारतपे ने पेबैक इंडिया का अधिग्रहण किया
भुगतान एवं ऋण सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी भारतपे ने गुरुवार को कहा कि उसने अमेरिकन एक्सप्रेस और आईसीआईसीआई इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिक फंड से पेबैक इंडिया का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने हालांकि इस सौदे के वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया। भारतपे ने एक बयान में कहा कि यह उसके द्वारा पहला अधिग्रहण है और पेबैक इंडिया, भारतपे की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाएगी।
पेबैक इंडिया की शुरुआत 2010 में हुई थी, और देश में इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 10 करोड़ से अधिक है। इसके पास 100 से अधिक ऑफलाइन और ऑनलाइन भागीदारों का नेटवर्क है और यह अपने ग्राहकों को अपने भागीदार मर्चेंट आउटलेट पर प्रत्येक लेनदेन पर अंक अर्जित करने और उन्हें भुनाने की सुविधा देता है। बयान में कहा गया कि पेबैक इंडिया का अधिग्रहण भारतपे की 2023 तक दो करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों का एक मजबूत नेटवर्क बनाने की रणनीति का हिस्सा है। बयान में कहा गया कि इस अधिग्रहण से भारतपे अपने ग्राहकों के लिए आकर्षक पेशकश कर सकेगी और उसकी वृद्धि में तेजी आएगी। अधिग्रहण के चलते पेबैक इंडिया के सभी कर्मचारी भारतपे समूह का हिस्सा बन जाएंगे। बयान के मुताबिक इसके साथ ही पेबैक इंडिया के बोर्ड का पुनर्गठन किया जाएगा और उसमें भारतपे के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
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