मुंबई। एटीएम मशीनों से 200 रुपए का नोट हासिल करने के लिए अभी आपको 5 से 6 महीने का और इंतजार करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को आदेश दिया है कि वह एटीएम को रिकैलीब्रेट करें ताकि आम जनता को ज्यादा से ज्यादा 200 रुपए के नोट प्राप्त हो सकें। आरबीआई ने कम मूल्य वाले नोटों की आपूर्ति बढ़ाने के अपने प्रयासों के तहत बैंकों को यह कदम उठाने के लिए कहा है। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने बताया कि आरबीआई के इस आदेश का पालन करने के लिए बैंकिंग इंडस्ट्री एटीएम को रिकैलीब्रेट करने के लिए 110 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा कि आरबीआई ने बैंकों और एटीएम विनिर्माताओं से एटीएम से जल्द से जल्द 200 रुपए के नोट की निकासी सुनिश्चित करने को कहा है। 2000 रुपए का नोट आने के बाद इस समय छोटे मूल्य के नोटों की बहुत ज्यादा आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि एटीएम मशीनों को रिकैलीब्रेट करने में 5-6 महीने का समय लगेगा।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद से अबतक 95 प्रतिशत करेंसी सर्कुलेशन में आ चुकी है, जो कि नोटबंदी से पूर्व का स्तर है और इस समय 17 लाख करोड़ रुपए की राशि सर्कुलेशन में है। भारत में कुल 2.2 लाख एटीएम मशीने हैं और इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक एक एटीएम को रिकैलीब्रेट करने का खर्च कम से कम 5,000 रुपए है। इस हिसाब से सभी मशीनों को रिकैलीब्रेट करने पर बैंकों को 110 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।
सूत्रों ने बताया कि इन सभी मशीनों को रिकैलीब्रेट करने में कम से कम छह महीने का वक्त लगेगा। हिताची पेमेट सर्विसेस के एमडी लोने एंटनी ने कहा कि रिकैलीब्रेशन का काम अभी शुरू हुआ है। हम एटीएम के क्लस्टर की पहचान कर रहे हैं और उन्हें रिकैलीब्रेट कर रहे हैं। यदि इस काम को तेजी के साथ किया जाता है तो ऐसा करने की लागत बहुत अधिक बढ़ सकती है। इसलिए इसे योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। अभी 200 रुपए का नोट बैंक की शाखाओं के जरिये उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।