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फंसा कर्ज बना सिंडीकेट बैंक के लिए मुसीबत, बैंक को हुआ 2,158 करोड़ रुपए का घाटा

सिंडिकेट बैंक को चौथी तिमाही में 2,158.17 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है जिसके पीछे प्रमुख वजह फंसे हुए कर्ज के प्रावधानों में तीन गुना वृद्धि करना है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: May 17, 2016 21:09 IST
फंसा कर्ज बना सिंडीकेट बैंक के लिए मुसीबत, बैंक को हुआ 2,158 करोड़ रुपए का घाटा- India TV Paisa
फंसा कर्ज बना सिंडीकेट बैंक के लिए मुसीबत, बैंक को हुआ 2,158 करोड़ रुपए का घाटा

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक को चौथी तिमाही में 2,158.17 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है जिसके पीछे प्रमुख वजह फंसे हुए कर्ज के प्रावधानों और आकस्मिक मदों में तीन गुना से अधिक वृद्धि करना है। वित्त वर्ष 2014-15 में इसी अवधि में बैंक को 416.92 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था जबकि 2015-16 में अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक को 119.67 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि वित्त वर्ष 2015-16 की अंतिम तिमाही में उसने फंसे हुए कर्ज एवं आकस्मिक मदों के लिए प्रावधानों को बढ़ाकर 2,411.83 करोड़ रुपए करना पड़ा। इन मदों पर पिछले साल इसी अवधि में 715.30 करोड़ रुपए रखे गये थे। मार्च तिमाही अवधि में बैंक की आय गिरकर 6,524.65 करोड़ रुपए रही जो पिछले साल 6,599.13 करोड़ रुपए रही थी।

इस दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां उसके सकल कर्ज का 6.7 प्रतिशत रही जो 13,832.16 करोड़ रुपए है जबकि पिछले साल यह उसके सकल कर्ज की 3.13 प्रतिशत यानी 6,442.38 करोड़ रुपए थीं। पूरे वित्त वर्ष में बैंक को 1,643.49 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष में उसे 1,522.93 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक के निदेशक मंडल ने आज बैठक के बाद वित्त वर्ष 2015-16 के लिए किसी तरह का लाभांश देने की सिफारिश नहीं की है।

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