नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड को लगता है कि जानकारियों के स्वत: साझाीकरण का समझाौता करने के लिए भारत के आंकड़ा सुरक्षा और गोपनीयता कानून पर्याप्त हैं। उल्लेखनीय है कि इस समझाौते के बाद भारत की पहुंच स्विस बैंकों में जमा कथित कालेधन की जानकारियों तक नियमित आधार पर हो जाएगी। स्विट्जरलैंड सरकार ने अपने राजकीय गजट में इस संबंध में एक विस्तृत अधिसूचना में और तथ्य प्रकाशित किए हैं।
सरकार ने कहा है कि वह भारत के साथ वित्तीय खातों की जानकारी का स्वत: साझााकरण करने के समझाौता कर रही है। उसने अन्य वित्तीय केंद्र लिंचेस्टाइन और बहमास का उदाहरण दिया है जो इसी तरह का समझाौता करेंगे।
सरकार ने यह जानकारी जर्मन भाषा में प्रकाशित की है और साथ ही भारतीय बाजार में अपनी संभावनाएं तलाशने के बारे में भी उसने इसमें बात की है जिसमें पुनर्बीमा और विाीय सेवा क्षेत्र शामिल है। उल्लेखलीय है कि जून में स्विस फेडरल काउंसिल ने भारत के साथ इस समझाौते की पुष्टि की थी। यह काउंसिल यूरोपीय देशों की शीर्ष गवर्निंग इकाई है।