नई दिल्ली। अगले साल यानि 2019 से भारत को स्विस बैंक में जमा धन के बारे में पूरी जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसा भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए स्वत: सूचना आदान-प्रदान करार के तहत होगा। शुक्रवार को देश के अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा किए गए धन के आंकड़े स्विट्जरलैंड सरकार के साथ हुए स्वत: सूचना आदान-प्रदान करार के तहत सरकार को 2019 से उपलब्ध होंगे।
पीयूष गोयल ने इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट्स ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बीते साल नवंबर में भारत और स्विट्जरलैंड के बीच स्वत: सूचना आदान-प्रदान समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। इसके तहत दोनों देश वैश्विक मानकों के साथ इसके अनुसार आंकड़े एकत्र करना शुरू करेंगे और इसका आदान-प्रदान 2019 से करेंगे।
वह स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़े पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। बैंक के हालिया आंकड़े में बीते साल भारतीयों की जमा राशि में वृद्धि हुई है। पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा स्विट्जरलैंड के साथ हुए एक समझौते के तहत एक जनवरी, 2018 से लेकर उसके बाद का पूरा आंकड़ा हमें उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से यह पता चला है कि पिछले एक साल में विदेश भेजी हुई रकम में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, ऐसा रिजर्व बैंक के उदारीकृत विप्रेषण योजना के कारण है, जिसे पूर्ववर्ती संप्रग सरकार लाई थी। इसके तहत देश में रहने वाला कोई व्यक्ति 250,000 डॉलर प्रति वर्ष विप्रेषित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इसमें देश में नहीं रहने वाले भारतीयों का जमा भी शामिल है। अगर कोई गड़बड़ी सामने आती है तो हम कार्रवाई करेंगे। हमारी सरकार के कालाधन के खिलाफ विभिन्न उपायों से स्विस बैंक में जमा राशि में कमी हो रही है।
आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार तीन साल तक गिरावट के बाद भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा धन में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बीते साल के मुकाबले 2017 में 1.02 अरब स्विस फ्रैंक हो गई। बीते तीन सालों में कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में काला धन कानून एवं कर अधिनियम, 2015 का क्रियान्वयन, आय घोषणा योजना 2016 और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बीते साल लागू की गई है।