नई दिल्ली। देश में कैश-लेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार डिजिटल तरीके से खरीदारी करने वालों को छूट दे सकती है। नॉन-कैश ट्रांजैक्शंस के लिए बजट 2016 में सरकार टैक्स बेनेफिट्स स्कीम की घोषणा कर सकती है। इतना ही नही अगर कारोबारी 50 फीसदी से अधिक ट्रांजैक्शंस डिजिटल तरीके से करते हैं तो उनको वैट में 1-2 फीसदी की छूट मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि सरकार ब्लैकमनी को रोकने के लिए नॉन-कैश ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।
कैश-लेस ट्रांजैक्शंस पर वैट में मिलेगी 2 फीसदी तक छूट
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के मेंबर और सुविधा इंफोसर्व के एमडी परेश राजदे ने कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि इस साल के बजट में मर्चेंट्स और कस्टमर्स को डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए बड़ा इंसेंटिव मिल सकता है। सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है।’ पीसीआई ने इस बारे में सरकार से सिफारिश की है। सरकार ने काउंसिल को भेजे एक लेटर में कहा है कि जिन मर्चेंट्स की 50 फीसदी से ज्यादा ट्रांजैक्शंस डिजिटल तरीके से होती हैं, उन्हें सभी इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शंस पर वैल्यू एडेड टैक्स में 1-2 फीसदी की छूट मिल सकती है।
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लोगों को मिल सकता है इनकम टैक्स में छूट
खबरों के मुताबिक कारोबारियों के अलावा नॉन-कैश ट्रांजैक्शंस करने पर उपभोक्ताओं को भी टैक्स में छूट मिल सकती है। इसके लिए ग्राहकों को यह दिखाना होगा कि उनके कुल खर्च में एक तय हिस्सा डिजिटल पेमेंट के तहत हुआ था, तो उन्हें कुछ इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है। सरकार ऑनलाइन यूटिलिटी बिल पेमेंट्स के लिए लिया जाने वाला सुविधा शुल्क भी खत्म करने पर विचार कर रही है। दरअसल सरकार हर हाल में देश में पेपर मनी का इस्तेमाल कम करना चाहती है।