नई दिल्ली। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लाभ और अधिशेष का एकमात्र मालिक सरकार है। स्वदेशी जागरण मंच सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबद्ध संगठन है। एसजेएम ने केंद्रीय बैंक के पूर्व प्रबंधन की इस धारणा की निंदा की है कि केंद्र सरकार बैंक के लाभ को हड़पना चाहती है।
आरबीआई के अधिकारियों ने सरकार को बदनाम किया
एसजेएम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की आर्थिक शाखा है। एसजेएम के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि दुनिया में कहीं भी केंद्रीय बैंक लाभ अपने पास नहीं रखती है। सरकार आरबीआई के लाभ का मालिक है। उस समय के आरबीआई अधिकारियों ने पूरी तस्वीर को बदनुमा कर दिया कि अधिशेष आरबीआई की जायदाद है जिसे सरकार उससे छीनना चाहती है। यह देश विरोधी तस्वीर थी। वे बतौर पेशेवर बैंकर (पूर्व के आरबीआई प्रबंधक) यह भी जानते थे कि दुनिया में कहीं भी केंद्रीय बैंक लाभ अपने पास नहीं रखता है।
बैंक को नहीं है पूंजी की जरूरत
अश्विनी महाजन ने कहा कि जब भी बैंकों को पूंजी की कमी पड़ती है तो सरकार इसका इंतजाम करती है। इसके अलावा सरकार ही जमाकर्ताओं के पैसे से जुड़े जोखिम का ख्याल रखती है। महाजन का कहना है कि ऐसी स्थिति में आरबीआई को आकस्मिक कोष की आवश्यकता ही नहीं है।
आपको बता दें कि आरबीआई के लाभ और अतिरिक्त नकदी को लेकर सरकार और तत्कालीन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व वाले प्रबंधन में मतभेद पैदा हो गए थे। इस पर राय देने के लिए सरकार ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था।