नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक महीने में स्वच्छ भारत सेस से 329 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया है। मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि स्वच्छ भारत सेस सभी टैक्सेबल सर्विसेस पर 0.5 फीसदी की दर से लगाया जाता है। स्वच्छ भारत सेस 15 नवंबर से लागू किया गया था।
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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 16 दिसंबर 2015 तक स्वच्छ भारत सेस के तहत अनंतिम रूप से 329.6 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ है। सरकार ने स्वच्छ भारत कार्यक्रम के लिए धन उपलब्ध कराने हेतु 15 नवंबर 2015 से सभी टैक्सेबल सर्विसेस पर 0.5 फीसदी स्वच्छ भारत सेस लगाने की घोषणा की थी। सिन्हा ने कहा कि 15 नवंबर से 31 मार्च 2016 के दौरान स्वच्छ भारत सेस के जरिये 3750 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इस मद में एकत्रित किया गया धन राज्य सरकारों को स्वच्छ भारत पहल के लिए दिया जाएगा। पूरे वित्त वर्ष के दौरान स्वच्छ भारत सेस से सरकार को 10,000 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष का राजस्व अनुमान अभी तक नहीं लगाया गया है। स्वच्छ भारत सेस के बाद सर्विस टैक्स का रेट 14 फीसदी से बढ़कर 14.5 फीसदी हो गया है।
कंपनियों ने एनसीडी जारी कर 15,000 करोड़ रुपए जुटाए
भारतीय कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अपनी कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए खुदरा रूप से गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर करीब 15,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इससे पिछले वित्त वर्ष 2014-15 में कंपनियों ने इस तरह के 25 निर्गमों से 9,713 करोड़ रुपए जुटाए थे। यह राशि मुख्य रूप से विस्तार योजना, कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने और अन्य सामान्य कंपनी कामकाज के लिए जुटाई गई है। एनसीडी ऋण से संबंधित बांड होते हैं, जिन्हें शेयरों में नहीं बदला जा सकता। सेबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार कुल दस कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष में 10 दिसंबर तक एनसीडी मार्ग से 14,737 करोड़ रुपए जुटाए।