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Suzlon loss widens to Rs 834.22 cr in March quarter
नई दिल्ली। पवन ऊर्जा टरबाइन बनाने वाली कंपनी सुजलॉन एनर्जी का एकीकृत शुद्ध घाटा मार्च 2020 में समाप्त तिमाही के दौरान दुगुने से अधिक बढ़कर 834.22 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। कमाई घटने और वित्तीय लागत बढ़ने के कारण कंपनी का घाटा बढ़ा है। एक साल पहले 31 मार्च 2019 को समाप्त चौथी तिमाही में कंपनी का घाटा 294.64 करोड़ रुपए रहा था। शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय सूचना में कंपनी ने यह जानकारी दी है।
कंपनी की परिचालन आय जनवरी से मार्च 2020 अवधि में घटकर 658.89 करोड़ रुपए रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी ने 1,450.47 करोड़ रुपए का कारोबार किया था। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का एकीकृत शुद्ध घाटा 2,691.84 करोड़ रुपए रहा, जबकि एक साल पहले 2018-19 में यह घाटा 1,537.19 लाख करोड़ रुपए था। वहीं, 2019-20 में कंपनी की परिचालन से कुल आय घटकर 3,000.42 करोड़ रुपए रह गई, जबकि इससे पिछले वर्ष उसकी आय 5,074.64 करोड़ रुपए रही थी।
सुजलॉन के समूह सीईओ जेपी चलसानी ने कहा कि यह काफी चुनौतीपूर्ण साल रहा। वर्ष के दौरान बाजार में कामकाज काफी कम रहा और देश में क्षमता का मात्र 20 प्रतिशत ही इस्तेमाल हो सका। कार्यशील पूंजी की तंगी और ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया के बावजूद कंपनी ने 2019- 20 के दौरान 350 मेगावाट की स्थापना की।
चलसानी ने कहा कि अब बाजार सुधार की तरफ बढ़ रहा है और पहले हुई नीलामियों के ठेके अभी नहीं दिए गए हैं। कंपनी की नेटवर्थ 31 मार्च 2020 को 11,042 करोड़ रुपए पर नकारात्मक रही। इस बीच कंपनी के निदेशक मंडल ने समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेपी चलसानी का इस्तीफा मंजूर कर लिया। कंपनी ने कहा कि चलसानी ने सात जुलाई 2020 से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, वह कंपनी के साथ रणनीतिक सलाहकार के तौर पर जुड़े रहेंगे।