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भारत और अमेरिका अपने द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ाकर 500-600 अरब डॉलर पर पहुंचाएं: प्रभु

भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका से भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 से 600 अरब डॉलर पर पहुंचाया जाना चाहिए। अभी यह 125 अरब डॉलर का है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 06, 2018 20:03 IST
suresh prabhu- India TV Paisa
Photo:SURESH PRABHU

suresh prabhu

मुंबई। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका से भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 से 600 अरब डॉलर पर पहुंचाया जाना चाहिए। अभी यह 125 अरब डॉलर का है। 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कई वजहों से अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार घट रहा है। अभी यह 125 अरब डॉलर है, जिससे हम खुश नहीं हैं। हमें एक निश्चित अवधि में इसे 500 से 600 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य तय करना चाहिए। हम एक पूर्ण रणनीति लाना चाहते हैं। मुझे भरोसा है कि दोनों देशों की कंपनियों को इससे फायदा होगा। 

प्रभु ने कहा कि हम कुछ मुद्दों को बातचीत से हल कर सकते हैं। भारत कृषि, फार्मा, बुनियादी ढांचा, स्टार्टअप्स आदि क्षेत्रों में काफी अवसर उपलब्ध कराता हैं। हमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आह्वान अमेरिका को फिर मजबूत बनाओ की तर्ज पर भारत-अमेरिका भागीदारी को मजबूत बनाना है। 

प्रभु ने कहा कि भू राजनीति पिछले कुछ माह के दौरान काफी बदली है, भू-अर्थशास्त्र भी बदल रहा है। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में अमेरिका-भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए मैं एक स्पष्ट परिभाषित भूमिका और दायित्व देखता हूं। इस तरह की भागीदारी से न केवल दोनों देशों को लाभ होगा बल्कि शेष दुनिया को भी फायदा होगा। 

उन्होंने कहा कि अगले सात आठ साल में भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2035 तक यह 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा। प्रभु ने कहा कि भारत आर्थिक रूप से शक्तिशाली बन रहा है। ऐसे में अमेरिका को अब ऐसा दोस्त और भागीदार मिलेगा जो पहले से ताकतवर होगा। यह अमेरिका के दीर्घावधि के हित में होगा। 

उन्होंने बताया कि भारत सिर्फ अमेरिकी कंपनियों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की योजना बना रहा है। प्रभु ने यह भी कहा कि दोनों देशों से स्टार्ट अप्स की सूचनाओं को साझा करने के लिए अमेरिका-भारत का एक विशेष कार्यक्रम होना चाहिए। 

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