नई दिल्ली। तंबाकू कंपनियों के हड़ताल और धरने से बेअसर सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ किया कि सिगरेट और बीड़ी समेत सभी उत्पाद के दोनों ओर 85 फीसदी चित्र चेतावनी देना जरूरी होगा। सरकार ने तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर चित्र चेतावनी के साईज को 40 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी करने का आदेश दिया था। इसके बाद तंबाकू कंपनियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच से केंद्र के नए आदेश के खिलाफ स्टे ले लिया था। गौरतलब है कि इस आदेश का पालन केवल तीन कंपनियां ही कर रही थीं। इसमें पनामा सिगरेट बनाने वाली गोल्डन टोबैको कंपनी, शिखर टोबैको और कुबेर खैनी का नाम शामिल है।
सरकार के फैसले को कोर्ट ने ठहराया सही
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक कर्नाटक हाईकोर्ट इस मामले का पूरी तरह से निपटारा नहीं कर देता है, तब किसी दूसरे हाईकोर्ट का आदेश इस मामले में मान्य नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया है। नए प्रावधान के मुताबिक चेतावनी के 85 फीसदी भाग में से 60 फीसदी पर चित्र, जबकि 25 फीसदी पर शाब्दिक चेतावनी होना अनिवार्य है। यह चेतावनी तंबाकू उत्पाद के पैकेट व पाउच पर भी अंकित रहेगी।
नियम नहीं मानने वालों पर होगी कार्यवाही
कस्टम व सेंट्रल एक्साइज के अधीक्षक व उससे ऊपर रैंक के पदाधिकारी, सेल्स टैक्स, हेल्थ व ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर व उससे ऊपर रैंक के पदाधिकारी को कार्रवाई का अधिकार है। इसके अलावे श्रम विभाग के कनीय श्रमायुक्त, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारी, पुलिस, फूड तथा राज्य व केंद्र सरकार के सब इंस्पेक्टर व उससे ऊपर रैंक के तमाम पदाधिकारी को भी कार्रवाई का अधिकार है। प्राधिकृत पदाधिकारी स्वयं की जानकारी या किसी की शिकायत के आधार पर रेड करेंगे। प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद पाए जाने पर उसे जब्त कर सीजर लिस्ट तैयार कर उसकी एक प्रति ऑनर को दी जाएगी।