नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और दो अन्य को दी गई जमानत समेत सभी अंतरिम राहत आज रद्द कर दीं और उन्हें आत्मसमर्पण और हिरासत में लौट जाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। हालांकि सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने कोर्ट से माफी मांगते हुए पैरोल रद्द करने के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट जमानत के सिलसिले में सहारा प्रमुख एवं अन्य की नई अर्जी पर तीन अक्टूबर को सुनवाई के लिए राजी हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के अलावा सहारा के दो अन्य निदेशकों अशोक रॉय चौधरी और रवि एस दुबे को भी एक हफ्ते के अंदर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। आज जब सहारा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा संपत्ति की बिक्री प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है तो न्यायाधीश काफी नाराज हो गए। पीठ ने कहा, अगर आप चाहते हैं कि आपकी बातें सुनी जाएं, पहले आप जेल जाइए। हमें यह मत बताइए कि हमें क्या करना है। सभी अंतरिम व्यवस्था रद्द की जाती है। सभी को हिरासत में लिए जाने का निर्देश दिया जाता है।
इससे पहले 11 जुलाई और 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पैरोल अवधि बढ़ाई थी, जो कि शुक्रवार यानी 23 सितंबर को खत्म हो रही थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने गुस्से में सुब्रत रॉय की पैरोल रद्द की
- SC ने सुनवाई के दौरान कहा- कि आपने जो प्रॉपर्टी का जानकारी दी है वह गलत है।
- वह प्रॉपर्टी पहले से आयकर विभाग के पास अटैच है आप बिल्कुल सहयोग नहीं दे रहे है।
- इसीलिए आपको फिर से जेल भेजा जा रहा है।
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कैसे मिली थी सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को पैरोल
- सुब्रत राय को इस साल अपनी मां के अंतिम संस्कार में शमिल होने के लिए 6 मई को पैरोल मिली थी।
- उनकी मां की 5 मई को मौत हो गई थी।
- उनके साथ उनके दामाद अशोक रॉय चौधरी को भी 6 मई को पैरोल पर रिहा किया गया था।
- इस पैरोल को 200 करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त पर 11 मई को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया।
- सहारा प्रमुख को दो अन्य निदेशकों दुबे और रॉय चौधरी के साथ 4 मार्च 2014 को जेल भेजा गया था।
- उन्होंने निवेशकों के 17,600 करोड़ रुपये 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने के साल 2012 में दिए गए आदेश की अवहेलना की थी।