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सुप्रीम कोर्ट ने सिंगूर लैंड डील को किया खारिज, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पाई गईं कई खामियां

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 2006 में किए गए सिंगूर भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया है, इससे टाटा मोटर्स को बड़ा झटका लगा है।

Abhishek Shrivastava
Published on: August 31, 2016 15:37 IST
Setback For Tata: सुप्रीम कोर्ट ने सिंगूर लैंड डील को किया खारिज, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पाई गईं कई खामियां- India TV Paisa
Setback For Tata: सुप्रीम कोर्ट ने सिंगूर लैंड डील को किया खारिज, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पाई गईं कई खामियां

नई दिल्‍ली। एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 2006 में किए गए सिंगूर भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया है, इससे टाटा मोटर्स को बड़ा झटका लगा है। यह जमीन टाटा के नैनो संयंत्र के लिए अधिग्रहित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में टाटा नैनो संयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को उचित ठहराने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर यह नया फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में खामियां पाई हैं। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि आज से 12 सप्ताह के भीतर किसानों को उनमी जमीन लौटाई जाए।

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बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार ने 2006 में 1,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण टाटा के नैनो संयंत्र के लिए किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने जमीनों के अधिग्रहण के बारे में किसानों की शिकायतों की उचित तरीके से जांच नहीं की। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी कंपनी के लिए राज्य द्वारा भूमि का अधिग्रहण सार्वजनिक उद्देश्य के दायरे में नहीं आता है। कोर्ट ने कहा कि अधिग्रहण के दौरान भूस्वामियों व कास्तकारों को मिला मुआवजा सरकार को नहीं लौटाया जाएगा, क्‍योंकि उन्‍होंने जमीन का दस साल तक इस्तेमाल नहीं किया।

भूमि अधिग्रहण सार्वजनिक उद्देश्य से नहीं था, इस मुद्दे पर न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की राय न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा से अलग है। इस साल मई में न्‍यायमूर्ति गोपाल गौड़ा और अरुण कुमार मिश्रा की पीठ ने टाटा, बंगाल सरकार और नाराज किसानों के मामले की सुनवाई पूरी की थी और अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान, न्‍यायमूर्ति गौड़ा ने कहा था कि कृषि भूमि का अधिग्रहण उद्योग लगाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन ऐसे काम के लिए बहु-उपज वाली भूमि के उपयोग को नजरअंदाज किया जाना बेहतर है। न्‍यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि सिंगूर की जमीन टाटा के लिए अधिग्रहित की गई और इसे बाद में सार्वजनिक उद्देश्‍य का रूप दिया गया।

2011 में सत्‍ता में आने के बाद मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कानून पारित कर टाटा से जमीन वापस ले ली और उन्‍हें अपना संयंत्र राज्‍य से बाहर ले जाने को कहा। इसके बाद टाटा ने नैनो संयंत्र की स्‍थापना गुजरात के साणद जिले में की।

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