नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह उसकी रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए और जमा करवाए ताकि उन मकान खरीदारों को ब्याज का भुगतान किया जा सके जो उसकी एमेराल्ड टावर्स परियोजना से खुद निकल चुके हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा व न्यायाधीश एम ए खानविलकर तथा न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को यह निर्देश दिया। पीठ ने सुपरटेक की इस याचिका को भी सुना कि उच्च न्यायालय के उस निर्णय के खिलाफ उसकी अपील को सुना जाए ताकि उन टावरों की वैधता संबंधी सारे विवाद का निपटारा हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन विभिन्न श्रेणी में आने वाले मकान खरीदारों को मूलधन का भुगतान कर दिया गया है लेकिन कुछ ब्याज अभी चुकाया जाना है। न्यायालय ने अंतरिम व्यवस्था के तौर पर कंपनी से न्यालय की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए और जमा करवाने को कहा है।
न्यायालय ने पिछले साल अगस्त में सुपरटेक से कहा था कि एमेराल्ड टावर्स परियोजना से हटने वाले निवेशकों को मूलधन लौटाने के लिए 10 करोड़ रुपए जमा कराए।