नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रियल्टी कंपनी डीएलएफ (DLF) लिमिटेड से कहा कि वह 50 ग्राहकों को उनके फ्लैटों का कब्जा इस साल नवंबर तक दे दे। इन ग्राहकों ने पंचकूला ( हरियाणा) में कंपनी की एक आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक करवाए थे। जस्टिस दीपक मिश्रा व सी नागप्पन की बेंच ने शीर्ष उपभोक्ता आयोग द्वारा जारी आदेश में संशोधन करते हुए उक्त निर्देश दिया।
आयोग ने कंपनी से कहा था कि वह चंडीगढ़ के निकट अपनी डीएलएफ वैली परियोजना में फ्लैट सौंपने में देरी के लिए ग्राहकों को 12 फीसदी ब्याज का भुगतान करे। कोर्ट ने हालांकि इस आदेश में संशोधन करते हुए देय ब्याज दर को 12 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दिया, लेकिन कंपनी से कहा कि वह सभी फ्लैटों का कब्जा इस साल नवंबर के आखिर तक दे दे।
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वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और एएम सिंघवी डीएलएफ की तरफ से पेश हुए। उन्होंने पीठ से कहा कि फ्लैट कब्जे का कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि 1,473 फ्लैटों में से बाकी बचे 153 फ्लैट का कब्जा देने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा, नवंबर 2016 तक सभी फ्लैट खरीदारों को सौंप दिए जाएंगे। ग्राहकों का कहना है कि इस परियोजना के फ्लैट 2013 तक उन्हें सौंपे जाने थे, जो अभी तक नहीं दिए गए हैं।