नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बिहार के चावल मिल मालिकों से जवाब मांगा, जिन्होंने राज्य सरकार का 450 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया है। न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने 567 आरोपी मिल मालिकों को नोटिस जारी किए। इन्होंने 2011-12 में बिहार राज्य खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के साथ धान लेने का समझौता किया था।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उसके नोटिस को बिहार में व्यापक रूप से प्रसारित तीन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए, जिनमें एक अंग्रेजी और दो क्षेत्रीय समाचार पत्र होने चाहिए। बिहार के लिए अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता केशव मोहन ने न्यायालय से कहा कि यदि आरोपी मिल मालिक 450 करोड़ रुपये की बकाया राशि की बैंक गारंटी नहीं देते हैं तो सरकारी खजाने को भारी नुकसान होगा।
समझौते के मुताबिक मिल मालिकों को धान के बदले राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम को सत्र के अंत में चावल की आपूर्ति करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और उसे खुले बाजार में बेच दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।