नयी दिल्ली/मुंबई। संकट से घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक के खाताधारकों का विरोध प्रदर्शन तेज होने के बीच बैंक से संबंधित एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने पीएमसी बैंक से नगदी निकालने पर लगी रोक हटाने की मांग कर रहे इसके खाताधारकों की अपील पर विचार करने से मना कर दिया।
पीएमसी बैंक घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए सीजेाई ने कहा आप सीधे यहां क्यों आए? इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा- तीन राज्य गुजरात, मध्य प्रदेश और हैदराबाद की हाईकोर्ट में गए, इस वजह से यहां आना पड़ा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार ध्यान दे रही है। मेरे पास याचिका नहीं है, मुद्दा क्या है पता नहीं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, 'हमें संरक्षण दिया जाए, ताकि हमें पैसा वापस मिल सके।' सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार किया। बता दें कि बिजोन मिश्रा ने इस याचिका में मांग की थी कि 15 लाख से अधिक पीड़ितों को सुरक्षा दी जाए और 100 प्रतिशत बीमा कवर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा फैसला पीएमसी बैंक खाताधारकों और पीड़ितों के लिए बुरी खबर माना जा रहा है। अब बड़ा सवाल है कि पीएमसी बैंक घोटाले के खाताधारकों को न्याय कहां से और कैसे मिलेगा? पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिए राहत मांग रहे याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि सरकार इस विषय पर चिंतित है और जरूरी कदम उठा रही है।
अब तक 3 लोगों की हो चुकी है मौत
बता दें कि याचिका पीएमसी बैंक में पड़ी खाताधारकों की जमाराशि की सुरक्षा के वास्ते तुरंत अंतरिम उपाय किए जाने के बारे में निर्देश देने को लेकर दायर की गई थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों में पीएमसी बैंक में घोटाले को लेकर कम से कम तीन मौतें हुई हैं और लाखों खाताधारक परेशान हैं।
याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक को यह निर्देश दिया जाना चाहिये कि राष्ट्रीयकृत बैंकों सहित विभिन्न सहकारी बैंकों में रखी खाताधारकों की खून पसीने की कमाई की पूरी तरह से सुरक्षा और बीमा होना चाहिये। इसके लिये बैंकों में जमा राशि की शत प्रतिशत सुरक्षा के लिये उचित उपाय और बीमा कवरेज सुनश्चित किया जाना चाहिए।
उधर, मुंबई में जे बी भोरिया ने रिजर्व बेंक के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात के बाद एक वक्तव्य जारी किया। जे बी भोरिया को रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है। इसमें कहा गया है कि बैंक सभी जमाकर्ताओं और दूसरे संबंधित पक्षों के हितों की सुरक्षा के लिये सभी प्रयास करेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि बैंक अपनी बैलेंस सीट को नये सिरे से तैयार करने में लगा है ताकि उसकी सही और उचित तस्वीर सबके समक्ष रखी जा सके।
रिजर्व बैंक ने लगा रखे हैं कई प्रतिबंध
उधर पीएमसी बैंक के प्रशासक ने रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास सहित शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात की है और बैंक के खाताधारकों को आश्वासन दिया है कि उनके हितों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। पीएमसी बैंक में 6500 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने बैंक पर लेनदेन संबंधी कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं।
अब तक 5 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि इस घोटाले में अबतक 5 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। मुंबई की एक अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाले में बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत पर भेज दिया है। अदालत ने बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अरोड़ा और थॉमस के अलावा इस घोटाले में एचडीआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश वधावन, उनके पुत्र सारंग वधावन और पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह से भी पूछताछ की जा रही है।
बैंकों में घोटाला होने पर नियामक, आडिटर को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए: ठाकुर
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव (पीएमसी) बैंक हो या कोई अन्य बैंक, बैंकों में घोटाला होने पर नियामक, आडिटर और प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को यह बात कही। ठाकुर ने कहा कि पीएमसी बैंक के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने निकासी की सीमा बढ़ाकर 40,000 रुपए कर दी है। इसके तहत बैंक के करीब 77 प्रतिशत प्रभावित लोग आ गए हैं, इन लोगों को एक लाख रुपए तक की निकासी का आश्वासन दिया गया है।