नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत प्रदान की है। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम पर अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए टेलीकॉम कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय प्रदान किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कंपनियों को अपने कुल बकाये का 10 प्रतिशत भुगतान 31 मार्च तक करना होगा। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर कंपनियां 10 प्रतिशत भुगतान पहले ही कर चुकी हैं। सु्प्रीम कोर्ट के इस आदेश से वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल, टाटा टेलीसर्विसेज जैसी दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया चुकाने में बड़ी राहत मिली है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने एजीआर की बकाया रकम 10 साल में चुकाने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वह एजीआर के कुल बकाया रकम का 10 प्रतिशत 31 मार्च, 2021 तक भुगतान करना होगा। शेष रकम अगले 10 साल में जमा करनी होगी। टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया रकम चुकाने का हलफनामा जमा करना होगा। अगर कंपनियां इन 10 साल के दौरान भुगतान करने में असफल रहती हैं तो उन्हें ब्याज और जुर्माना देना होगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और एमआर शाह ने अपने फैसले में कहा कि एजीआर की बकाया रकम चुकाने का 10 साल का टाइमलाइन 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगा। इसका पूरा पेमेंट 31 मार्च 2031 तक हो जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि एजीआर के बकाया रकम का फिर से मूल्याकंन नहीं किया जा सकता है।
एजीआर की बकाया रकम पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना पहला फैसला 24 अक्टूबर 2019 को सुनाया था। इसके बाद वोडाफोन आइडिया ने खुलकर कहा था कि अगर उसे बेलआउट नहीं किया गया तो उसे भारत में अपना कामकाज बंद करना होगा।