नई दिल्ली। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने अगले छह महीने में मोबाइल सेवा शुल्क बढ़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि कम कीमत पर इंटरनेट उपलब्ध कराना दूरसंचार उद्योग के लिए लंबे समय तक व्यवहारिक नहीं है। मित्तल ने कहा कि 160 रुपए प्रति माह पर 16 जीबी इंटरनेट डाटा इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने इतनी सस्ती दर को एक त्रासदी बताया। वह भारती एंटरप्राइजेज के कार्यकारी अखिल गुप्ता की एक किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इतनी कीमत में या तो आप 1.6 जीबी इंटरनेट क्षमता का उपभोग करें नहीं तो और अधिक लागत उठाने को तैयार रहें। हम नहीं चाहते कि आपको अमेरिका या यूरोप की तरह 50 से 60 डॉलर रुपए खर्च करने पड़ें, लेकिन एक महीने में दो डॉलर में 16 जीबी इंटरनेट कहीं से भी उद्योग के लिए व्यवहारिक नहीं है।
मित्तल ने कहा कि डिजिटल सामग्री के उपभोग पर अगले छह महीने में प्रति उपयोक्ता औसत आय (एआरपीयू) 200 रुपए पार कर जाने का अनुमान है। एआरपीयू दूरंचार कंपनियों को प्रति उपयोक्ता होने वाली आय को दिखाता है। उन्होंने कहा कि हमें 300 रुपए एआरपीयू की जरूरत है, इस व्यवस्था में भी आपके पास हर महीने 100 रुपए में एक उचित मात्रा में इंटरनेट होगा। लेकिन यदि आपका ज्यादातर वक्त टीवी, फिल्म, इंटरटेनमेंट और अन्य वस्तुओं के उपभोग पर खर्च होता है तो आपको अधिक भुगतान करना होगा।
एयरटेल के तिमाही परिणामों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका एआरपीयू बढ़कर 157 रुपए हो गया है। कंपनी के एआरपीयू में बढ़ोत्तरी पिछले साल दिसंबर में मोबाइल प्लान की कीमतें बढ़ाए जाने के बाद दर्ज की गई। मित्तल ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने मुश्किल वक्त में देश की सेवा की। अब उद्योग को 5जी, ऑप्टिकल फाइबर केबल और समुद्री केबल पर निवेश करना है।
उन्होंने कहा कि जो उद्योग दूरसंचार क्षेत्र में नहीं है उन्हें भी डिजिटल होने की जरूरत है। ऐसे में अगले पांच से छह महीने में एआरपीयू बढ़ना चाहिए, ताकि दूरंसंचार उद्योग व्यवहारिक बना रहे। अब इस क्षेत्र में दो-तीन कंपनियां ही बची हैं। भारत कीमतों को लेकर संवेदनशील बाजार है। अगले छह महीने में हम 200 रुपए एआरपीयू के स्तर को निश्चित तौर पर पार कर लेंगे और शायद आदर्श स्थिति 250 रुपए एआरपीयू रहेगी।