नई दिल्ली। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने चीनी उत्पादन अनुमान चालू मार्केटिंग ईयर में तीसरी बार कम किया है। खास कर महाराष्ट्र जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य में सूखे के करण गन्ने की खेती प्रभावित हुई है। इसकी वजह से चीनी के उत्पदन में पिछले साल के मुकाबले कमी चल रही है। इस्मा ने पूरे वर्ष के लिए 2.03 करोड़ टन का अनुमान लगाटया है जो कि पिछले साल के मुकाबले 19 फीसदी कम है। चीनी मिलों ने पिछले सीजन में 2.51 करोड़ टन चीनी उतप्दान किया था। कारोबारियो का मानना है कि आने वाले दिनों में चीनी की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकती है।
इस्मा ने तीन बार घटाया अपना अनुमान
- चीनी मिलों ने मार्केटिंग ईयर (अक्टूबर-सितंबर) 2016-17 के पहले पांच महीनों में एक करोड़ 62.4 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।
- इस्मा ने पूरे वर्ष के लिए चीनी उत्पादन के अनुमान को घटा कर करीब 2.03 करोड़ टन कर दिया है।
- दो महीने पहले उसने इस बार 2.13 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया था।
- जबकि सितंबर 2016 में इस बार के लिए 2.34 करोड़ टन चीनी के उत्पादन का पूर्वानुमान था।
- वर्ष 2015-16 में चीनी मिलों ने 2.51 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया था।
चीनी उद्योग के इस प्रमुख संगठन ने कहा कि उसने सूखे के कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में गन्ने की उपज में भारी गिरावट को ध्यान में रखते हुए चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित किया है। इस्मा ने एक बयान में कहा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गन्ने की उपज सूखे के कारण बहुत प्रभावित हुई है।
समझिए चीनी का पूरा गणित
- पूर्व वर्ष के मुकाबले कुछ क्षेत्रों में गन्ने की उपज 40 से 50 प्रतिशत कम रहा है।
- महाराष्ट्र में उत्पादन अब वर्ष 2016-17 में 42 लाख टन होने का अनूमान लगाया गया है जो पिछले साल के 70 लाख टन के उत्पादन से काफी कम है।
- महाराष्ट्र ने अभी तक इस वर्ष में 41.1 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है और वहां अधिकांश मिलों ने पेराई रोक दी है।
- कर्नाटक में चीनी उत्पादन 21.2 लाख टन होने का अनूमान है। पहले ही इस वर्ष में अभी तक 20.5 लाख टन का उत्पादन हो चुका है।
- उत्तर प्रदेश में गन्ने की आपूर्ति और चीनी की प्राप्ति पिछले साल के मुकाबले कहीं बेहतर है।
- इस बार चीनी उत्पादन 85 लाख टन होने का अनूमान है जो पिछले साल 68 लाख टन का हुआ था।
- उ.प्र. में पेराई का काम अभी भी जारी है और चीनी मिलों के अप्रैल 2017 के उत्तराद्र्ध तक चलने की उम्मीद की जा रही है।
- इस्मा ने कहा कि संशोधित उत्पादन अनुमान के बाद देश में 2.3 से 2.4 करोड़ टन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त चीनी होगी।