नई दिल्ली। चीनी उद्योगों के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में पेराई कर रही मिलों की संख्या कम रहने से चीनी उत्पादन कम चल रहा है। संगठन के अनुसार चालू विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी अवधि में चीनी का उत्पादन 141.12 लाख टन रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि से 24 प्रतिशत कम है। एक साल पहले की समान अवधि में चीनी का उत्पादन 185.59 लाख टन था। चीनी विपणन वर्ष, अक्टूबर से लेकर सितंबर महीने तक का होता है।
इस्मा ने एक बयान में कहा कि 31 जनवरी 2020 की स्थिति के अनुसार, देश में 446 चीनी मिलों ने 141.12 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले सत्र में इसी तारीख तक 520 मिलों द्वारा 185.59 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। महाराष्ट्र में, विपणन वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में चीनी उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि के 70.99 लाख टन की तुलना में 34.64 लाख टन रहने का अनुमान है।
हालांकि उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के 52.86 लाख टन से बढ़कर 54.96 लाख टन हो गया। कर्नाटक में, चीनी उत्पादन पहले के 33.76 लाख टन से घटकर 27.94 लाख टन रह गया। इस्मा ने वर्ष 2019-20 के लिए देश का चीनी उत्पादन 260 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। यह अनुमान, इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस और 'बी' ग्रेड के भारी शीरे के होने वाले स्थानांतण को ध्यान में लेने के बाद, व्यक्त किया गया है। शीरे के इस स्थानांतण की वजह से चीनी उत्पादन में करीब 8.5 लाख टन की कमी आएगी।
बयान के अनुसार, पिछले सत्र के चीनी उत्पादन की तुलना में 260 लाख टन चीनी का उत्पादन लगभग 70 लाख टन की कमी को प्रदर्शित करेगा। हम पहले से ही देख सकते हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में जनवरी 2020 के अंत तक चालू वर्ष का उत्पादन लगभग 44.5 लाख टन पीछे चल रहा है। चालू सत्र के पहले चार महीनों में चीनी की बिक्री, साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में लगभग 7-8 लाख टन अधिक की होगी।
इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष, चीनी मिलों द्वारा अनुमानित चीनी बिक्री 255 लाख टन के लगभग थी और इस वर्ष में अधिक बिक्री की स्थिति को देखते हुए, इस्मा को उम्मीद है कि चालू सत्र में चीनी मिलों द्वारा चीनी की बिक्री 260 लाख टन के आसपास होगी।