नई दिल्ली। चीनी उत्पादन सितंबर में समाप्त होने वाले मार्केटिंग ईयर 2016-17 के पहले पांच महीने में 19 प्रतिशत घटकर 1.62 करोड़ टन रहा। इसका कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे सूखा प्रभावित राज्यों से गन्ने की कम सप्लाई है। देश में चीनी का उत्पादन पिछले चीनी मार्केटिंग ईयर अक्टूबर-सितंबर की इसी अवधि में 1.99 करोड़ टन था। भारत चीनी उत्पादन के मामले में ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) ने एक बयान में कहा, इस साल 28 फरवरी तक 257 चीनी मिलें लगातार गन्ने की पेराई में लगी हैं। वहीं 2015-16 में 390 मिलें काम कर रही थी।
- उत्तर प्रदेश में अक्टूबर-फरवरी के दौरान उत्पादन 17 प्रतिशत बढ़कर 62.4 लाख टन रहा जो पिछले विपणन वर्ष में इसी अवधि में 53.5 लाख टन था।
- महाराष्ट्र में अक्टूबर-फरवरी के दौरान उत्पादन घटकर 41.1 लाख टन रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 70.5 लाख टन था।
- कर्नाटक में इसी अवधि में उत्पाद 20.5 लाख टन रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 36.1 लाख टन था।
आईएसएमए ने कहा कि देश के दक्षिणी और पश्चिमी भाग पिछले दो साल से सूखे से प्रभावित हैं, इससे गन्ना उत्पादन और उत्पादकता पर प्रभाव पड़ा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि उच्पादन में कमी का कोई खास असर कीमतों में पर नहीं देखने को मिलेगा।