Highlights
- उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के चार लाख टन से घटकर 2.88 लाख टन रह गया है
- अभी तक चीनी के निर्यात के लिए लगभग 25 लाख टन के लिए अनुबंध किए जा चुके हैं
- इस साल देश में 305 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है
नई दिल्ली। चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में अधिक उत्पादन होने के कारण भारत का चीनी उत्पादन एक अक्टूबर से 15 नवंबर के दौरान 24 प्रतिशत बढ़कर 20.9 लाख टन हो गया है। अभी तक चीनी मिलों ने 25 लाख टन चीनी निर्यात करने के संबंध में अनुबंध किया है। शुगर मार्केटिंग वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
इस्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘15 नवंबर, 2021 तक, चालू 2021-22 के सत्र में चीनी का उत्पादन 20.90 लाख टन है, जो पिछले साल 15 नवंबर 2020 को 16.82 लाख टन हुआ था।’’ इसमें कहा गया है कि दक्षिण और पश्चिम में कई चीनी मिलों ने इस सत्र की शुरुआत में ही अपना परिचालन शुरू कर दिया था, जिससे चीनी का उत्पादन अधिक हुआ है। उत्तर प्रदेश में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में हुई बेमौसम बारिश के कारण चालू सत्र में पेराई का काम शुरु होने में कुछ दिनों की देर हुई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के चार लाख टन से घटकर 2.88 लाख टन रह गया है। हालांकि, महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन छह लाख टन से बढ़कर 8.91 लाख टन हो गया। कर्नाटक में, चीनी उत्पादन वर्ष 2021-21 के 15 नवंबर तक बढ़कर 7.62 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की अवधि में 5.66 लाख टन था।
इस्मा ने कहा कि बंदरगाह की जानकारी और बाजार की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक चीनी के निर्यात के लिए लगभग 25 लाख टन के लिए अनुबंध किए जा चुके हैं। इसमें से लगभग 2.7 लाख टन चीनी का निर्यात अक्टूबर 2021 में किया गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में 1.96 लाख टन का निर्यात किया गया था। नवंबर 2021 में भौतिक रूप से निर्यात किए जाने के लिए दो लाख टन से अधिक चीनी पाइपलाइन में है। इस्मा ने कहा कि एक अक्टूबर, 2021 तक 81.75 लाख टन चीनी का शुरुआती स्टॉक था और 305 लाख टन के अनुमानित चीनी उत्पादन के साथ, भारत के लिए एक और अधिशेष चीनी वाला वर्ष साबित होगा और वर्ष 2021-22 सत्र के दौरान देश से लगभग 60 लाख टन अधिशेष चीनी का निर्यात जारी रखने की आवश्यकता होगी।