नई दिल्ली। भारत का चीनी उत्पादन चालू 2021-22 सत्र में 2.18 प्रतिशत घटकर 3.05 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जिसका मुख्य कारण इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग किया जाना है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि देश को 2021-22 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में करीब 60 लाख टन अतिरिक्त चीनी का निर्यात जारी रखना होगा। वर्ष 2020-21 के सत्र में चीनी का उत्पादन तीन करोड़ 11.8 लाख टन का हुआ था। ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश, भारत, अपने इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के लिए बड़े पैमाने पर गन्ने का उपयोग कर रहा है।
उद्योग निकाय, इस्मा ने पहला अनुमान जारी करते हुए कहा कि 2021-22 सत्र में गन्ने की पेराई कुछ क्षेत्रों में शुरू हो चुकी है और देश के अन्य क्षेत्रों में जल्द ही पेराई शुरू होने की उम्मीद है। उसने कहा, ‘‘इस्मा ने 2021-22 में लगभग 3.05 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो जुलाई 2021 में जारी किये गये 3.1 करोड़ टन के प्रारंभिक अनुमान से कम है।’’ इसने कहा है कि महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन एक करोड़ 22 लाख टन, उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 13 लाख टन, कर्नाटक में 49.5 लाख टन होने का अनुमान है जिसमें इथेनॉल के लिए चीनी का उपयोग किये जाने को शामिल नहीं किया गया है। देश में ये शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्य हैं।
इस्मा ने कहा कि उसे उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र में बेमौसम बारिश के कारण उपज में मामूली गिरावट और चीनी से शीरे की प्राप्ति में कमी आने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में भी पिछले वर्ष के मुकाबले प्रति हेक्टेयर ऊपज थोड़ा कम रहने की उम्मीद है। शेष राज्यों से 2021-22 सत्र में सामूहिक रूप से 53.1 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है। उच्च इथेनॉल उत्पादन क्षमता और निरंतर अधिशेष गन्ना उपलब्धता होने के कारण, 2021-22 सत्र में गन्ने के रस या सिरप और बी-शीरा की एक बड़ी मात्रा का उपयोग इथेनॉल उत्पादन में किया जाएगा। इस्मा द्वारा जारी प्रारंभिक अनुमानों के समान ही, यह अनुमान लगाया गया है कि इथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के रस एवं बी-शीरा के हस्तांतरण से 2021-22 के सत्र में चीनी उत्पादन में लगभग 34 लाख टन की कमी आएगी। हालांकि, वर्ष 2021-22 के लिए एथेनॉल की निविदा को अंतिम रूप दिए जाने के बाद गन्ने के हस्तांतरण की बेहतर तस्वीर का पता लगाया जा सकता है।
एसोसिएशन ने कहा कि मिलों ने पहले ही इथेनॉल आपूर्ति के लिए बोलियां जमा कर दी हैं। इस्मा ने कहा कि एक अक्टूबर तक देश में 82.9 लाख टन चीनी का शुरुआती स्टॉक है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में 25 लाख टन कम है। लेकिन, यह अभी भी चालू सत्र के शुरुआती महीनों के लिए घरेलू आवश्यकता से अधिक है। इस्मा, जनवरी 2022 में गन्ने और चीनी उत्पादन अनुमानों की फिर से समीक्षा करेगा।