इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चालू सीजन वर्ष में अधिक चीनी उत्पादन का अनुमान होने के बावजूद उपभोक्ताओं को महंगी शक्कर से कोई राहत नहीं मिलती दिख रही है। अगले कुछ दिनों में यहां चीनी का खुदरा मूल्य 100 रुपये प्रति किलो के आंकड़े को पार करने की संभावना है। नवंबर में 100 किलोग्राम चीनी के बोरे की थोक कीमत 69 रुपये प्रति किलो थी, जबकि खुदरा कीमत 71-72 रुपये प्रति किलो थी। दिसंबर-जनवरी में चीनी की थोक कीमत 78 रुपये प्रति किलो, जबकि खुदरा कीमत 80-82 रुपये प्रति किलो थी। वर्तमान में चीनी की थोक कीमत 87 रुपये किलो और खुदरा कीमत 90-92 रुपये प्रति किलो है।
पाकिस्तान के मुकाबले भारत में चीनी की खुदरा कीमत 42 से 44 रुपये प्रति किलो है। इसका मतलब है कि पाकिस्तानियों को चीनी खाने के लिए भारतीयों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
पाकिस्तान सुगर मिल्स एसोसिएशन के चेयरमैन अहमद बवानी का कहना है कि किसानों को गन्ने का ऊंचा मूल्य देने की वजह से चीनी की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि चीनी उत्पादन की कुल लागत में 73 प्रतिशत हिस्सा किसानों को भुगतान किए जाने वाले मूल्य का है। पाकिस्तान में इस बार औसत गन्ना मूल्य 275 रुपये प्रति 40 किलोग्राम है। निचले सिंध में गन्ने की औसत कीमत 300 रुपये, मध्य सिंध में 250 रुपये और अपर सिंध में 250 रुपये प्रति 40 किलोग्राम है।
पंजाब के बाद सिंध पाकिस्तान में दूसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक क्षेत्र है। सिंध सरकार ने गन्ने के लिए 202 रुपये प्रति 40 किलोग्राम का भाव तय किया है। पाकिस्तान में कुल 84 चीनी मिल हैं, जिसमें से 38 मिल सिंध प्रांत में स्थित हैं।
चीनी उत्पादन में पाकिस्तान है भारत से फिसड्डी
इस साल पाकिस्तान में 55 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। वहीं इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) का अनुमान है कि 2020-21 के विपणन सत्र में कुल चीनी उत्पादन 302 लाख टन रह सकता है, जबकि वर्ष 2019-20 में यह आंकड़ा 274.2 लाख टन था। इस्मा के अनुसार मौजूदा विपणन सत्र में जनवरी तक लगभग 491 चीनी मिलें चालू थीं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 447 था।