नई दिल्ली। देश का चीनी निर्यात मौजूदा विपणन वर्ष में अब तक बढ़कर 17.44 लाख टन रहा है, जबकि पिछले पूरे चीनी विपणन वर्ष 2017-18 में करीब पांच लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ था। चीनी उद्योग के आंकड़ों में यह दर्शाया गया है। देश में चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से शुरू होकर सितंबर तक चलता है।
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ ने एक बयान में कहा कि एक अक्टूबर से छह अप्रैल के बीच 17.44 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया। इसमें से कच्ची चीनी की मात्रा लगभग आठ लाख टन थी।
व्यापार संघ ने आगे कहा कि इसके अलावा 4.3 लाख टन चीनी फिलहाल निर्यात की प्रक्रिया में है।
चीनी व्यापार संघ के मुख्य कार्याधिकारी आर पी भगरिया ने कहा कि अब तक कुल मिलाकर करीब 27 लाख टन चीनी निर्यात अनुबंध किया जा चुका है, जिसमें से 21.7 लाख टन चीनी मिलों से भेजी जा चुकी है।
वैश्विक बाजारों में चीनी के दाम काफी नीचे चल रहे हैं। यही वजह है कि घटी कीमतों के बीच भारतीय निर्यात प्रतिस्पर्धा में नहीं ठहर पा रहा है, क्योंकि देश में चीनी के दाम विश्व बाजार के दाम के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। यही वजह है कि पिछले विपणन वर्ष में केवल पांच लाख टन चीनी का ही निर्यात हो पाया था।
संघ ने बताया कि देश से चीनी का निर्यात बांग्लादेश, श्रीलंका, सोमालिया और ईरान को किया गया। देश में चीनी उत्पादन, पिछले वर्ष के 325 लाख टन के मुकाबले चालू विपणन वर्ष में घटकर लगभग 310 लाख टन रहने का अनुमान है। अभी भी चीनी का भारी मात्रा में अधिशेष स्टॉक है। चीनी की वार्षिक घरेलू मांग लगभग 260 लाख टन ही है। चीनी मिलों के पास पिछले साल का बचा हुआ भारी स्टॉक है।