नई दिल्ली। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अमेरिकी विदेशी मंत्रालय की उस रिपोर्ट को लेकर ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि भारत की वृद्धि दर का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता जोसफ स्टिग्लिज की टिप्पणी पर भी अपनी राय जाहिर कि जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय नीति निर्माताओं को मुद्रास्फीति के बारे में ज्यादा चिंता करने के बजाय भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
स्वामी ने इन दोनों रिपोर्टों को लेकर दिल्ली में पत्रकारों की चुप्पी की आलोचना की। स्वामी ने ट्विटर पर कहा, लुटियन दिल्ली के पत्रकार अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वृद्धि दर के आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर बताने और स्टिग्लिज द्वारा मुद्रास्फीति नियंत्रण के बजाय वृद्धि को महत्वपूर्ण बताए जाने के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। जाने-माने अर्थशास्त्री स्टिग्लिज ने कहा कि मुद्रास्फीति से बहुत अधिक ध्यान देने से वृद्धि प्रभावित हो सकती है जिससे बेरोजगारी और असमानता बढ़ सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कल एक रिपोर्ट में कहा भारत की 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर बढ़ा-चढ़ा कर पेश की गई हो सकती है।
स्वामी ने कसा सरकार पर तंज
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अरविंद सुब्रमण्यम के मुद्दे पर गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। स्वामी ने अपने बयानों के प्रति बगैर अफसोस जताए आज कहा कि यदि सरकार भारत के हितों के खिलाफ मुख्य आर्थिक सहलाकार की कोशिश के बावजूद उनको देशभक्त मानती है तो वह उन्हें हटाने की मांग को टाल देंगे। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के बचाव में सरकार के आने के एक दिन बाद स्वामी ने आज सुबह ट्विटर पर कहा, भारत पर दबाव बनाने की सलाह किसी अन्य देश को देने पर एक भारतीय को देशभक्त करार देकर माफ किया जा सकता है तो मैं अपनी मांग टाल सकता हूं। स्वामी ने ट्विटर पर कहा, अरविंद सुब्रमण्यम ने अमेरिकी कांग्रेस से 13 मार्च 2013 को कहा, भारतीय कंपनियों और निर्यातकों के साथ भेद-भाव करने से भारत पर अपना बाजार खोलने का दबाव बनेगा।
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