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RBI गवर्नर की दौड़ में सुबीर गोकर्ण और राकेश मोहन सबसे आगे, उर्जित पटेल व अरुंधति भट्टाचार्य पीछे

नए गवर्नर की तलाश जोर-शोर से जारी है। खबरों के मुताबिक आरबीआई गवर्नर के लिए सुबीर गोकर्ण और राकेश मोहन के नाम को अंतिम तौर पर विचार के लिए रखा गया है।

Abhishek Shrivastava
Updated : June 30, 2016 14:43 IST
RBI गवर्नर की दौड़ में सुबीर गोकर्ण और राकेश मोहन सबसे आगे, उर्जित पटेल व अरुंधति भट्टाचार्य पीछे
RBI गवर्नर की दौड़ में सुबीर गोकर्ण और राकेश मोहन सबसे आगे, उर्जित पटेल व अरुंधति भट्टाचार्य पीछे

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर की तलाश जोर-शोर से जारी है। विभिन्‍न एजेंसियों की खबरों के मुताबिक आरबीआई गवर्नर के लिए दो नामों को अंतिम तौर पर विचार के लिए रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के साथ विचार-विमर्श के बाद अंतिम एक नाम की घोषणा करेंगे।

पिछले हफ्ते आरबीआई गवर्नर के लिए चार लोगों के दौड़ में शामिल होने की खबरें आई थीं। लेकिन अब जो खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार पूर्व डिप्‍टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण और राकेश मोहन इस दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इस लिस्‍ट में अन्‍य दो नाम मौजूदा डिप्‍टी गवर्नर उर्जित पटेल और भारतीय स्‍टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य के हैं। रघुराम राजन के उत्‍तराधिकारी की घोषणा 15 जुलाई तक होने की संभावना है। राजन का तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्‍त हो रहा है।

राजन का दूसरे कार्यकाल से इनकार

लगातार राजनीतिक हमलों के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शनिवार को बैंक के गवर्नर पद पर दूसरे कार्यकाल से इनकार कर दिया। अचानक की गई इस घोषणा से रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर राजन के बने रहने को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग गया। राजन ने रिजर्व बैंक के कर्मचारियों को जारी संदेश में कहा, उचित सोच-विचार और सरकार के साथ परामर्श के बाद मैं आपके साथ यह साझा करना चाहता हूं कि मैं चार सिंतबर 2016 को गवर्नर के तौर पर कार्यकाल समाप्त होने पर शैक्षिक क्षेत्र में वापस लौट जाऊंगा।

उद्योग जगत ने इसे देश का नुकसान बताया

देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने कहा कि राजन का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं करने का फैसला देश का नुकसान है। क्योंकि उन्होंने आर्थिक स्थिरता लाई और वैश्विक मंच पर भारत की विश्वसनीयता बढ़ाई। आनंद महिंद्रा, दीपक पारेख, एन आर नारायण मूर्ति, किरण मजूमदार-शॉ, मोहन दास पै के नेतृत्व में भारतीय उद्योग को उम्मीद थी कि राजन के उत्तराधिकारी भी उनके द्वारा शुरू अच्छा काम जारी रखेंगे हालांकि उद्योग मंडल सीआईआई और फिक्की ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया। इस घटनाक्रम पर महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि वह राजन के मौजूदा कार्यकाल के बाद पठन-पाठन के क्षेत्र में वापस लौटने का फैसला सुनकर दुखी हैं।

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