नई दिल्ली। दोपहिया वाहन चालकों के लिए देश की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता कंपनी स्टड्स कुछ नए तरह के प्रोडक्ट पर काम रही है, जिन्हें जल्द ही बाजार में लाया जाएगा। इंडिया टीवी ने भारत में हेलमेट के कारोबार और नई-नई टेक्नोलॉजी के संबंध में स्टड्स कंपनी के एमडी सिद्धार्थ भूषण खुराना से खास बातचीत की। कंपनी ने इंडिया टीवी को पहले अपने प्लांट का दौरा कराया फिर बारिकी से एक-एक मशीन के बारे में बताया जिनसे हेलमेट तैयार किया जाता है।
'टेक्नोलॉजी की 21वीं सदी में हेलमेट में क्या नई टेक्नोलॉजी आ रही है' के सवाल के जवाब में सबसे पहले सिद्धार्थ खुराना ने बताया कि हम हेलमेट में एक विशेष तरह की नई तकनीक लाने वाले हैं जिस पर काम किया जा रहा है। हम हेलमेट में बाइक राइडिंग के दौरान आपस में बातचीत करने के लिए इंटरकनेक्ट सिस्टम लाने और हेलमेट के फ्रंट साइड पर कैमरा लगाने के साथ ही अपनी यात्रा को रिकॉर्ड करने की तकनीक पर काम कर रहे हैं। यानी कुल मिलाकर बाइक राइडिंग के शौकीन लोगों के लिए बाजार में स्टड्स कंपनी का स्मार्ट हेलमेट जल्द ही हाथ में होगा।
सिद्धार्थ खुराना ने आगे बताया कि स्टड्स कंपनी केवल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी नियमों का पालन करते हुए पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत केवल ISI प्रमाणित हेलमेट्स बनाती है। कंपनी की स्थापना और नींव के बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ खुराना ने बताया कि ये कंपनी उनके पिता मधु भूषण खुराना (वर्तमान में चेयरमैन) और ताया (रवि भूषण खुराना) जी ने 1975 में शुरू की थी। दरअसल, कोयंबटूर में एक रैली आयोजित होने वाली थी और वहां समय पर हेलमेट नहीं पहुंच सका जिसके चलते रैली को स्थगित करना पड़ा। बस यही से उनके पिता और ताया ने हेलमेट के निर्माण और विपणन का फैसला लिया।
हेलमेट लगाने वाले अक्सर पैसों की वजह से हेलमेट के साथ समझौता कर लेते हैं इस सवाल के जबाव में सिद्धार्थ खुराना ने कहा कि स्टड्स ब्रांड के हेलमेट दो तरह के मार्केट में आते हैं। पहला स्टड्स, जिनकी शुरुआती कीमत केवल 795 रुपए से शुरू होकर 2165 रुपए तक होती है। साथ ही प्रीमियम सेगमेंट की बात करें तो SMK ब्रांड (2016 में मार्केट में आया) के हमारे हेलमेट 3000 रुपए की शुरुआती कीमत से लेकर 15000 तक की रेंज में आते हैं। उनका कहना है कि दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट के महत्व को समझना चाहिए, उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि घर पर उनका कोई इंतजार कर रहा है, इसलिए सुरक्षित चलें और हेलमेट अवश्य पहनें।
मोटरसाइकिल और बाइसिकल हेलमेट के उत्पादन के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे तीन प्लांट जो कि बल्लभगढ़ में हैं, जहां रोजाना 24 से 25 हजार मोटर साइकिल हेलमेट जबकि 2500 से 3000 तक बाइसिकल हेलमेट का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही हम अपने चौथे प्लांट की भी शुरुआत करने वाले हैं।
50 से अधिक देशों में स्टड्स निर्यात करता है अपने हेलमेट
हेलमेट निर्यात के सवाल के जवाब में सिद्धार्थ ने बताया कि स्टड्स कंपनी 50 से अधिक देशों में अपने हेलमेट का निर्यात करती है। मांग और आपूर्ति को लेकर पूछे गए सवाल में उन्होंने बताया कि फिलहाल हमारी मार्केट में मांग ज्यादा है हम उस तरह से आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं लेकिन जल्द ही चौथा प्लांट शुरू होने के बाद हमारी डिमांड और सप्लाई की चेन में सामंजस्य बन जाएगा। कंपनी के कारोबार को लेकर उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में कंपनी का कारोबार करीब 450 करोड़ रुपए के आसपास है। आगे हम अपने कारोबार को दोगुना करते हुए मार्केट में अपने कंपटीटर को कड़ी टक्कर देने वाले हैं। उन्होने बताया कि स्टड्स कंपनी ने कई बड़े दोपहिया निर्माताओं जैसे होंडा, हीरो, सुजुकी और टीवीएस के साथ संयुक्त साझेदारी कर रखी है। जिसका उन्हें मार्केट में काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।
जानिए EPS के बारे में जो होता है बेहद खास
आपको बता दें कि, स्टड्स रेंज में 30 से अधिक मॉडल हैं, जिनमें 8000 से अधिक वेरिएंट (आकार, रंग और ग्राफिक्स में) बाजार में हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हेलमेट में इस्तेमाल होने वाले जिसे आप थर्माकोल समझते हैं दरअसल वह एक खास तरह का केमिकल होता है। जिसे Expanded Polystyrence (EPS) कहा जाता है। यह एक खास तरह का बारिक दाना होता है जिसे उचित तापमान में स्टीम करके हेलमेट बनाने के लिए तैयार किया जाता है। बताया जाता है कि लैब टेस्टिंग के दौरान हेलमेट को कई तरह के क्रमों से होकर गुजरना पड़ता है। बताते हैं कि कंपनी का हेलमेट इतना मजबूत होता है कि एक्सीडेंट होने पर यह आपके सिर और मुंह की पूरी तरह से सुरक्षा करता है। इसके लिए कई तरह के मानक पहले से ही तय करके इसे बनाया जाता है।