मुंबई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लिवाली के बीच बैंकिंग शेयरों के मजबूत होने से आज गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 60 अंक की तेजी में रहा। कारेाबारियों ने कहा कि कच्चा तेल की नरमी से भी बाजार की धारणा को बल मिला। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 60.48 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 38,659.47 अंक पर चल रहा था। इसी तरह एनएसई का निफ्टी दो अंक की मामूली बढ़त के साथ 11,466 अंक पर चल रहा था।
सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी, आईटीसी, टीसीएस, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और सन फार्मा के शेयर बढ़त में चल रहे थे। हालांकि वेदांता, टाटा स्टील, ओएनजीसी, एचसीएल टेक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा और टाटा मोटर्स के शेयर 1.94 प्रतिशत तक की गिरावट में रहे।
बता दें कि बुधवार को सेंसेक्स में 92.90 अंक तथा निफ्टी में 35.70 अंक की तेजी रही थी। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को एफपीआई ने 686.33 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। घरेलू संस्थागत निवेशक भी 1,576.73 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे।
एशियाई बाजारों में कारोबार के दौरान हांग कांग का हैंग सेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की तेजी में चल रहे थे। हालांकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी गिरावट में चल रहे थे। इस बीच, ब्रेंट क्रूड का वायदा 0.69 प्रतिशत गिरकर 59.01 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।
शुरुआती कारोबार में रुपया पांच पैसे मजबूत
विदेशी निवेशकों की लिवाली तथा घरेलू बाजारों की सकारात्मक शुरुआत के कारण गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया पांच पैसे की बढ़त के साथ 71.38 रुपए प्रति डॉलर पर रहा। कारोबारियों ने कहा कि ब्रेक्जिट सम्मेलन तथा रिजर्व बैंक की बैठक के निष्कर्ष जारी होने से पहले निवेशकों ने सतर्कता बरती। इसके कारण रुपया सीमित दायरे में रहा।
गौरतलब है कि बुधवार को रुपया 71.43 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि घरेलू बाजार की तेज शुरुआत, विदेशी निवेशकों की लिवाली, कच्चा तेल में नरमी तथा अमेरिका-चीन के व्यापार सौदे को लेकर उम्मीदों से रुपये को समर्थन मिला। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बुधवार को 686.33 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की। इस बीच ब्रेंट क्रूड का वायदा 0.69 प्रतिशत नरमी के साथ 59.01 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।