Friday, November 22, 2024
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मौद्रिक नीति, वृहद आर्थिक आंकड़ों पर रखिए नजर, आने वाले सप्ताह में बिगड़ सकती है शेयर बाजार की चाल, जानिए क्यों

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा, वृहद आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक संकेतों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। 

Edited by: India TV Business Desk
Published on: June 02, 2019 12:54 IST
stock market - India TV Paisa

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा, वृहद आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक संकेतों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। ईद-उल-फितर के मौके पर बुधवार को बाजार बंद रहेंगे। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बीते शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों का असर बाजार के पहले दिन ही देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार (3 जून) को बाजार की चाल बिगड़ सकती है।

6 जून को ब्याज दरों में हो सकती है कमी

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि जीडीपी के आंकड़ों का असर सोमवार को बाजार पर देखने को मिल सकता है लेकिन अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ती रफ्तार से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि केंद्रीय बैंक छह जून को ब्याज दरों में कटौती करे। निवेशक इसका स्वागत करेंगे। 6 जून को केंद्रीय बैंक अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति (Monetary policy) की घोषणा करेगा। शेयरखान बाई बीएनपी परिबा के प्रमुख सलाहकार हेमांग जानी ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध और तेल के दाम में इजाफे से बाजार की आगे की दिशा तय होगी। हम शेयर बाजार को लेकर अब भी आशान्वित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नई सरकार में मंत्रिमंडल के बंटवारे के बाद अब ध्यान मुख्य आर्थिक सुधारों और नीतियों पर रहेगा। 

इस सप्ताह PMI और वाहन बिक्री के आंकड़े होंगे जारी

एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा कि वित्त मंत्रालय की अगुवाई अब निर्मला सीतारमण कर रही हैं और उनसे कई उम्मीदें हैं। सबसे पहले नकदी का मुद्दा आता है, उसके बाद बैंकों के पुनर्पूंजीकरण और अर्थव्यवस्था में मांग में सुधार की बात आती है। सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के मुताबिक अगला सप्ताह बाजार की मध्यम अवधि की दिशा के लिहाज से बहुत अहम है। इस सप्ताह विनिर्माण क्षेत्र से संबंधित परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़े और वाहन की बिक्री के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स काफी उतार-चढ़ाव के बाद 118 अंक की गिरावट के साथ 39,714.20 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, साप्ताहिक आधार पर 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 279.4 अंक चढ़कर बंद हुआ। 

इसी बीच, शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। कृषि एवं विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन को आर्थिक वृद्धि दर में कमी का मुख्य कारक बताया गया है। वहीं अप्रैल में आठ बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों की वृद्धि दर भी घटकर 2.6 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। हालांकि, वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) के लक्ष्य के अनुरूप रहने से सरकार को थोड़ी राहत मिली है। संशोधित बजट अनुमान में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.4 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया था। 

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