Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Year Ahead: शेयर बाजार में तेजी आने की उम्मीद, क्रूड और सोने में जारी रह सकती है गिरावट

Year Ahead: शेयर बाजार में तेजी आने की उम्मीद, क्रूड और सोने में जारी रह सकती है गिरावट

एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2016 भी कमोडिटी (सोना, चांदी और क्रूड) के लिए खराब रहने वाला है। हालांकि शेयर बाजार एक बार फिर गुलजार हो सकता है।

Dharmender Chaudhary
Updated : December 29, 2015 9:37 IST
Year Ahead: शेयर बाजार में तेजी आने की उम्मीद, क्रूड और सोने में जारी रह सकती है गिरावट
Year Ahead: शेयर बाजार में तेजी आने की उम्मीद, क्रूड और सोने में जारी रह सकती है गिरावट

नई दिल्ली। कमोडिटी हो या इक्विटी साल 2015 दोनों के लिए ही अच्‍छा नहीं रहा है। इस साल एक ओर जहां सोने में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर क्रूड ऑयल 40 फीसदी तक टूट गया। लोगों को उम्मीद थी कि सोना रिटर्न नहीं दे रहा है तो शेयर बाजार में पैसा लगा देंगे, लेकिन पिछले साल 30 फीसदी मुनाफा देने वाले शेयर बाजार भी इस साल धोखा दे गए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2016 भी कमोडिटी (सोना, चांदी और क्रूड) के लिए खराब रहने वाला है। हालांकि शेयर बाजार एक बार फिर गुलजार हो सकता है।

शेयर बाजार के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर

भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 में शेयर बाजार चार साल के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। इस साल सेंसेक्स में 1465 अंक (5.32 फीसदी) की गिरावट देखने को मिली है। 31 दिसंबर 2014 को सेंसेक्स 27,499.42 अंक पर बंद हुआ था। वहीं, 28 दिसंबर 2015 को सेंसेक्स 195.42 अंक की बढ़त के साथ 26,034.13 पर बंद हुआ। पिछले साल सेंसेक्स में करीब 30 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी। इससे पहले सेंसेक्स 2011 में 24 फीसदी गिरा था। रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में कटौती से उत्साहित होकर बाजार 30,024 अंक के स्‍तर पर पहुंच गया था। प्रभुदास लीलाधर के इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज हेड आर श्रीशंकर कहते हैं कि 2015 में घरेलू निवेशकों की धारणा सकारात्मक रही। लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली से बाजार में गिरावट आई है। खासकर पिछले आठ महीने में उभरते बाजारों की चिंता में एफपीआई ने 28,356 करोड़ रुपए की बिकवाली की है।

शेयर बाजार में लौटेगी रौनक

मॉर्गन स्टैनली इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर रिधम देसाई कहते हैं कि अगले साल शेयर बाजार एक बार फिर नया रिकॉर्ड कायम करेगा। देसाई के मुताबिक 2016 में पॉलिसी रिफॉर्म और उपभोग में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि 2016 के अंत तक सेंसेक्स 30,200 अंक के स्‍तर पर तक पहुंच जाएगा।

तीसरे साल भी सोने ने दिया निगेटिव रिटर्न

सोने की कीमतों में इस साल करीब 6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। यह लगातार तीसरा साल है जब सोने ने निगेटिव रिटर्न दिया है। पिछले साल दिसंबर में सोना 27,300 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास था, जो कि अब 25,700 रुपए के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस साल जुलाई में सोने का भाव 25,000 से नीचे 24,590 रुपए प्रति दस ग्राम तक फिसल गया, जो कि 2011 के बाद का निचला स्तर है। मोतीलाल ओसवाल के करेंसी और कमोडिटी हेड किशोर नार्ने के मुताबिक इस साल सोने की कीमतों में गिरावट की प्रमुख वजह अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ना, फिस्कल डिमांड और निगेटिव रिटर्न की वजह से निवेशकों की बिकवाली है।

2016 में कैसी रहेगी सोने की चाल

ग्लोबल बैंक, रिसर्च हाउस और फाइनेंशियल एडवाइजर सभी का मानना है कि अगले साल भी सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी। गोल्डमेन सैक्स, जेपी मॉर्गन, सिटी, एबीएन एमरो और सोसाइटी जनरल ने पूर्वानुमान में कहा है कि 2016 की शुरुआत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1,000 डॉलर प्रति औंस के नीचे आ सकती हैं। यहां तक कि एचएसबीसी 2016 के दौरान सोने में आई गिरावट खत्म होने की बात कर रहा था, अब वह भी गिरावट का अनुमान लगा रहा है। दुनिया के कई बड़े रिसर्च फर्म 900 डॉलर प्रति औंस तक सोने की कीमत फिसलने का अनुमान लगा रहे हैं।

2015 में क्रूड हुआ पानी-पानी

क्रूड का निवेश से सीधा कुछ लेना-देना नहीं है। लेकिन, क्रूड हर आदमी की जिंदगी से जुड़ा है। इससे महंगाई घटती और बढ़ती है। 2015 शेयर बाजार और सोने की तरह क्रूड के लिए बेहद खराब साबित हुआ है। इस साल क्रूड की कीमतों में 40 फीसदी से अधिक गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर 2014 में ब्रेंट क्रूड की कीमत 62 डॉलर थी, जो आज घटकर 37 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। इस गिरावट कि प्रमुख वजह मांग के मुकाबले अधिक सप्लाई का होना है।

अगले साल 20 डॉलर बिकेगा क्रूड ऑयल

मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि 2016 में डिमांड और सप्लाई का गणित और बिगड़ सकता है, जिसका नकारात्मक असर क्रूड ऑयल की कीमतों पर पड़ेगा। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक अगले साल अमेरिका में क्रूड का उत्पादन बढ़ेगा। दूसरी ओर 2016 की पहली तिमाही में कम से कम 5 लाख बैरल रोजाना ईरान का तेल बाजार में आएगा। इसके अलावा लीबिया में उत्पादन का बढ़ना और डिमांड में कमी ग्लोबल स्तर पर क्रूड की सप्लाई और बढ़ा देगा। मुख्य उत्पादक देश, रूस और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) मांग के मुकाबले हजारों बैरल रोजाना अधिक क्रूड ऑयल उत्पादन कर रहे हैं। रूस में उत्पादन 10 लाख बैरल प्रति दिन के पार पहुंच गया है। वहीं, ओपेक का क्रूड उत्पादन रिकॉर्ड 100 लाख बैरल रोजाना है। इन सभी वजहों के कारण क्रूड की कीमतें 20 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल सकती हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement