शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुरूआती गिरावट और तीन महीने के निचले स्तर से उबरते हुए आज 106 अंक की तेजी के साथ 25,150.35 अंक पर बंद हुआ। औद्योगिक उत्पादन का आंकड़ा उम्मीद से बेहतर रहने से बाजार में तेजी आई। हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले शेयर बाजार धारणा कमजोर बनी हुई है। कारोबार के दौरान उतार-चढ़ाव छाया रहा। जीएसटी विधेयक को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में वृद्धि की आशंका से शुरूआती कारोबार में यह 25,000 के नीचे चला गया।
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मजबूत आकड़ों से बाजार को मिला सहारा
सोमवार के कारोबारी सत्र में मजबूत आर्थिक आकड़ों से बाजार को बूस्ट मला। त्योहारों के दौरान उपभाक्ता सामान तथा पूंजीगत वस्तुओं की अच्छी मांग से औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर अक्तूबर में सालाना आधार पर 9.8 प्रतिशत रहने से कुछ राहत मिली। इस बीच, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में शून्य से नीचे 1.99 प्रतिशत रही जो अक्तूबर में शून्य से नीचे 3.81 प्रतिशत थी।
तीस शेयरों वाला सूचकांक शुरूआती कारोबार में 25,000 के नीचे 24,867.73 अंक तक चला गया लेकिन बाद में चुनिंदा शेयरों में लिवाली बढ़ने से इसमें तेजी आयी और 25,194.15 अंक तक चला गया। अंत में यह 105.92 अंक या 0.42 प्रतिशत बढ़कर 25,150.35 अंक पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 207.89 अंक का नुकसान हुआ था।
इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी कारोबार के दौरान 7,600 से नीचे 7,551.05 के निम्न स्तर तक चला गया और अंत में 39.60 अंक या 0.52 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,650.05 अंक पर बंद हुआ। एक समय यह 7,663.95 अंक तक भी गया।
रुपए में दिखी गिरावट
सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 67.09 के स्तर पर बंद हुआ। यह रुपए का बीते 27 महीने में सबसे निचला स्तर है। वहीं 2015 के दौरान रुपए में करीब 5.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। रुपए में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से शेयर बाजार में की गई भारी बिकवाली है। बीते एक महीने में प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स करीब 3.5 फीसदी तक लुढक चुके हैं। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से दिसंबर महीने के दौरान करीब 4000 करोड़ की बि कवाली की जा चुकी है।