लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली बिल में गड़बड़ियों को लेकर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। प्रदेश सरकार के मुताबिक गडबड़ियों पर तेज कार्रवाई के लिए शिकायतों की जांच एसटीएफ करेगी। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को इस बारे में एक अहम फैसला लिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में बिजली के बिल में खासी गड़बड़ियों की शिकायतों की जांच राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से कराया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित बिजली घर के औचक निरीक्षण के दौरान कहा "प्रदेश के विभिन्न जिलों से बिजली के बिल की गणना को लेकर अनियमितताएं सामने आई हैं। सरकार ने इन्हें गंभीरता से लिया है। हम इसकी जांच एसटीएफ से कराएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया गया है।" ऊर्जा मंत्री के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्री ने इस मौके पर गलत बिलिंग की शिकायतों और 100 फीसद डाउनलोड योग्य बिलिंग ना होने पर नाराजगी जताते हुए बिलिंग एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
मंत्री ने कहा "ऊर्जा विभाग में उपभोक्ता ही सब कुछ है। उसके हितों से खिलवाड़ करने वालों से किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं हो सकती है। जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए अनुबंध के तहत उन्हें आठ माह में शहरी और 12 माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97% डाउनलोड किये जाने योग्य बिल सुनिश्चित करना था। दो साल बाद आज भी यह 10 फीसदी से कम है। इसके चलते लगातार गलत बिलिंग की शिकायतें उपभोक्ताओं के माध्यम से आ रही हैं। इस पूरे प्रकरण में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है।" शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता बिल तो चुकाना चाहता है, लेकिन उसे समय पर सही बिल मिले, तभी यह संभव होगा। सही बिल समय पर मिलेगा तभी विभाग का 90 हजार करोड़ का घाटा कम होगा और सस्ती बिजली का सरकार का संकल्प भी आसानी से पूरा होगा। उन्होंने निर्देशित किया कि अधिकारी आगामी 31 मार्च तक प्रत्येक उपभोक्ता को डाउनलोड योग्य बिल मिलना सुनिश्चित करें। ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसियों को किए गए भुगतान की भी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बिजलीघर के निरीक्षण में कमियों पर प्रबंध निदेशक समेत अधिकारियों से जवाब तलब भी किया।