नई दिल्ली। वेदांता लिमिटेड के स्वामित्व वाली स्टरलाइट कॉपर ने तमिलनाडु के अपने सुविधा केन्द्र में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया है और बृहस्पतिवार को मेडिकल ग्रेड के ऑक्सीजन की पहली खेप भेजी है। कंपनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को चार माह की अवधि के लिए चिकित्सकीय आक्सीजन उत्पादन करने के प्रस्ताव को 26 अप्रैल को अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा एक सर्वदलीय बैठक में मंजूरी दी गई थी। इस आक्सीजन उत्पादन का काम, कंपनी के यहां से लगभग 600 किलोमीटर दूर तूतीकोरिन में शुरु होना था। बाद में इस इकाई को राज्य सरकार द्वारा मई 2018 में जब सील कर देना पड़ा था, जब पर्यावरणीय चिंताओं को लेकर कंपनी के खिलाफ एक आंदोलन में भाग ले रहे 13 प्रदर्शनकारी दक्षिणी जिले में एक हिंसक स्टरलाइट विरोधी आंदोलन के दौरान पुलिस-गोलीबारी में मारे गए थे।
हाल ही में उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु ने कहा था कि मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा एक ऑक्सीजन प्लांट 12 मई से उत्पादन शुरू कर रहा है। 4.8 टन तरल ऑक्सीजन का पहला टैंकर तिरुनेलवेली-तूतीकोरिन जा रहा है।’’ इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे थे और तमिलनाडु सरकार से सवाल किया कि वह कोविड-19 रोगियों के इलाज में उपयोग के मकसद से ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए स्टरलाइट कॉपर यूनिट का अधिग्रहण क्यों नहीं कर सकती। तमिलनाडु सरकार ने राज्य में कोविड-19 संक्रमण इलाज के लिए ऑक्सीजन उत्पादन की बढ़ती जरूत के बीच उद्योगों से मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए आगे आने की अपील की है।
कोरोना के मरीजों की संख्या में आई तेज बढ़त से ऑक्सीजन की मांग में भी तेज उछाल देखने को मिला। वहीं ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत भी हुई। इसे देखते हुए फैसला किया गया कि ऐसे प्लांट जो ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं लेकिन किसी वजह से बंद हैं, उन्हें फिर से शुरू किया जाये। स्टरलाइट का प्लांट इसी वजह से शुरू किया गया है।