नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने के पीछे उद्देश्य लोगों को कानून का उल्लंघन करने से रोकना है। गडकरी ने गुरुवार यहां एक कार्यक्रम के मौके पर इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा कि जुर्माना राशि बढ़ाने का मकसद जुर्माने से धन जुटाना कतई नहीं है।
गडकरी ने कहा कि लोगों में कुछ गलत धारणा बैठी हुई है। यदि वे कानून का पालन करेंगे तो उन पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। कानून जुर्माना वसूलने के लिए नहीं लागू किया गया है। इसका मकसद यह है कि लोग यातायात नियमों को गंभीरता से लें और उनका उल्लंघन करने से बचें।
मंत्री ने कहा कि नए कानून के क्रियान्वयन के बाद यातायात नियमनों के अनुपालन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि एक बार लोगों ने कानून का अनुपालन शुरू कर दिया तो जुर्माना लगाने की जरूरत नहीं होगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हर साल डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु होती है। उन्होंने कहा कि व्यापक स्तर पर मोटर वाहन कानून में संशोधन सफल रहा है। बेहतर जागरूकता के बाद चालान की संख्या कम होगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सभी राज्य सरकारों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद लाया गया है।
चार दिन में ही ओडिशा, हरियाणा ने वसूले 1.41 करोड़ रुपए
यातायात नियमों के उल्लंघन पर लगाम लगाने के लिए बने नए कानून के अमल में आने के महज चार दिनों में सिर्फ दो राज्यों हरियाणा और ओडिशा ने चलान के जरिये 1.41 करोड़ रुपए की राशि इकट्ठा की है। अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
संसद ने नये कानून को 31 जुलाई को मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति ने नौ अगस्त को इस कानून को सहमति प्रदान की जिसके बाद यह एक सितंबर से देश भर में लागू हुआ। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ओडिशा मोटर वाहन विभाग से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार यातायात कानून का उल्लंघन करने को लेकर 4,080 चालान काटे गए, जिससे 88.90 लाख रुपए जमा हुए। इसके साथ ही 46 वाहन जब्त किए गए। हरियाणा में इस दौरान 343 चालान काटे गए और 52.32 लाख रुपए जमा हुए। दिल्ली में नया कानून लागू होने के पहले ही दिन 3,900 चालान काटे गए।