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कंपनियों ने इस्पात के दाम 4,900 रुपये प्रतिटन तक बढ़ाये, ऑटो सेक्टर पर असर संभव

वहीं सरकार इस्पात सहित ऑटो कलपुर्जे, और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित करने पर विचार कर रही है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: June 03, 2021 18:47 IST
महंगा हुआ स्टील- India TV Paisa
Photo:PTI

महंगा हुआ स्टील

नई दिल्ली। प्रमुख घरेलू इस्पात विनिर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) और कोल्ड रोल्ड कॉयल (सीआरसी) के दाम क्रमश: 4,000 रुपये और 4,900 रुपये प्रति टन तक बढ़ दिये हैं। उद्योग सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस मूल्य वृद्धि के बाद, एक टन एचआरसी की कीमत 70,000-71,000 रुपये होगी, जबकि खरीदारों को सीआरसी 83,000-84,000 रुपये प्रति टन के दाम पर मिलेगी। एचआरसी और सीआरसी इस्पात की चादरें होतीं है जिनका उपयोग ऑटो, उपकरणों और निर्माण क्षेत्र जैसे उद्योगों में किया जाता है। इसलिए, इस तरह के इस्पात की कीमतों में कोई भी वृद्धि, वाहनों, उपभोक्ता वस्तुओं और निर्माण की लागत को भी प्रभावित करती है। इन क्षेत्रों के लिए यह कच्चा माल का काम करता है। 

सेल, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, जेएसपीएल और एएमएनएस इंडिया देश की प्रमुख इस्पात कंपनियां हैं। ये कंपनियां संयुक्त रूप से भारत के कुल इस्पात उत्पादन में लगभग 55 प्रतिशत का योगदान करती हैं। जेएसपीएल स्टील के एक अधिकारी ने कहा, "कच्चे माल की लागत बढ़ने से वैश्विक बाजार में इस्पात की कीमतें बढ़ी हैं। भारतीय लौह अयस्क की कीमत भी 4000 रुपये प्रति टन बढ़ी है। इससे इस्पात की कीमतों पर असर पड़ रहा है। ’’

वहीं सरकार इस्पात सहित ऑटो कलपुर्जे, और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित करने पर विचार कर रही है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि सरकार ने विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन आधारित मॉडल को बढ़ावा देने, उन्नत प्रौद्योगिकियों को आकर्षित करने, बड़े स्तर पर उत्पादन और गुणवत्ता मानकों को हासिल करने के लिए पीएलआई योजना शुरू की थी। उन्होंने पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित वेब गोष्ठी ‘भारत की विनिर्माण और व्यापार प्रतिस्पर्धा पर पीएलआई योजना का प्रभाव’ में कहा, ‘‘हम सख्त समयसीमा के साथ आगे बढ़ रहे हैं और अब हम ऑटो कलपुर्जे, इस्पात और कपड़े के लिए योजना को अधिसूचित करेंगे।’’

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