नई दिल्ली। छोटे करदाताओं की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने और प्रक्रिया को सरल बनाने की तैयारी चल रही है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कर अधिकारी व्यापार एवं उद्योग संगठनों तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के पास जाएंगे और जीएसटी से जुड़ी उनकी दिक्कतें और शिकायतें जानेंगे और उन्हें चार अगस्त को जीएसटी परिषद के सामने रखेंगे।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने पिछले हफ्ते जीएसटी परिषद के सचिवालय को पत्र लिखकर कहा था कि वह अधिकारियों से अपने राज्यों के व्यापार और उद्योग संगठनों के साथ-साथ एमएसएमई क्षेत्र के करदाताओं से संपर्क करने को कहे और उनकी दिक्कतें और शिकायतें जानने के साथ-साथ उनका सुझाव भी लें। यह सारी कवायद जीएसटी से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए की जा रही है।
जीएसटी परिषद के सचिवालय पर इनकी प्रतिक्रिया और सुझाव एकत्रित करके उसे सीबीआईसी को भेजने का जिम्मेदारी है। सीबीआईसी में महानिदेशक (जीएसटी) को भी देशभर में जीएसटी क्षेत्रों से जानकारी एकत्र करने के लिए कहा गया है और बोर्ड में जीएसटी नीति प्रकोष्ठ को रिपोर्ट करने को कहा है।
आगामी चार अगस्त को आयोजित जीएसटी परिषद की 29 वीं बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की दिक्कतों और उनके समाधान का रास्ता निकालने पर चर्चा होगी। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि परिषद की अगली बैठक छोटे करदाताओं को राहत देने और उनके लिए जीएसटी को सरल और तर्कसंगत बनाने पर केंद्रित होगी।