मुंबई। डॉलर के मुकाबले रुपए में निरंतर आ रही गिरावट और कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों की वजह से राज्यों को चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान से अधिक 22,700 करोड़ रुपए का अप्रत्याशित कर राजस्व हासिल होगा। एसबीआई रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे टूटकर 72.73 प्रति डॉलर के अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। वहीं कच्चा तेल 78 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल गया। इससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 509 अंक या 1.34 प्रतिशत टूटकर 37,413.13 अंक पर आ गया। एसबीआई रिसर्च के एक नोट में कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल कीमतों में वृद्धि से राज्यों को चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान के ऊपर 22,700 करोड़ रुपए का अप्रत्याशित कर राजस्व मिलेगा।
सबसे अधिक महाराष्ट्र को फायदा
रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि से सभी प्रमुख 19 राज्यों को औसतन 1,513 करोड़ रुपए का राजस्व लाभ होता है। इसमें कहा गया है कि सबसे अधिक 3,389 करोड़ का लाभ महाराष्ट्र को मिलेगा। उसके बाद गुजरात को 2,842 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
गोवा में सबसे कम वैट
राजधानी दिल्ली में मार्च से पेट्रोल 5.60 रुपए तथा डीजल 6.31 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है। महाराष्ट्र में पेट्रोल 89 रुपए प्रति लीटर को पार कर गया है। महाराष्ट्र में पेट्रोल पर सबसे ऊंचा 39.12 प्रतिशत का वैट लगता है। गोवा में सबसे कम 16.66 रुपए प्रति लीटर का वैट लिया जाता है। रिपोर्ट कहती है कि यदि अन्य चीजों में बदलाव नहीं होता है तो इस अप्रत्याशित लाभ से राज्यों के वित्तीय घाटा 0.15 से 0.20 प्रतिशत नीचे आएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा अनुमान है, चूंकि राज्यों को उनके बजट अनुमानों से ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद है ऐसे में वे पेट्रोल के दाम औसत 3.20 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल के 2.30 रुपए प्रति लीटर घटा सकते हैं। इससे उनका राजस्व का गणित भी नहीं गड़बड़ाएगा।
इन राज्यों के पास है कीमत घटाने की गुंजाइश
रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, राजस्थान तथा कर्नाटक के पास पेट्रोल का दाम तीन रुपए तथा डीजल का दाम ढाई रुपए लीटर घटाने की गुंजाइश है।