नई दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शुक्रवार को राज्यों से संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टाम्प ड्यूटी कम करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से आवासीय इकाइयों की बिक्री बढ़ेगी, जिससे राज्यों के राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित एक आभासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रालय ने स्टाम्प शुल्क को कम करने के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को दो बार लिखा था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकारों ने स्टाम्प ड्यूटी कम कर दी है, जिसके कारण आवास की बिक्री बढ़ गई है।
मिश्रा ने कहा कि वह फिर से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे और स्टाम्प ड्यूटी में कमी के लिए उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों की कुल आय प्रभावित नहीं होगी क्योंकि बिक्री की संख्या बढ़ जाएगी।
सचिव ने कहा कि केंद्र द्वारा किए गए उपायों और कुछ राज्यों द्वारा स्टाम्प ड्यूटी में कटौती के कारण पिछले कुछ महीनों में आवास की बिक्री में सुधार हुआ है। मिश्रा ने कहा कि बिल्डरों ने सरकार द्वारा हाल ही में घोषित कर राहत का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। इससे आवास की बिक्री बढ़ाने और न बिक पाए घरों को कम करने में मदद मिलेगी। मिश्रा ने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र न सिर्फ देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान देता है, बल्कि यह बड़े स्तर पर रोजगार का भी सृजन करता है।
केंद्रीय मंत्री ने बिल्डरों से कहा: न बिक पाए घरों को जल्द बेचें, इन्हें दबाकर न बैठें
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को बिल्डरों से कहा कि वे न बिक पाए घरों को दबाकर न बैठें, बल्कि इन्हें जल्दी से बेचने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वह आवास बिक्री को बढ़ावा देने के मद्देनजर एक बार फिर से संपत्ति के पंजीकरण पर स्टाम्प ड्यूटी कम करने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखेंगे। रियल्टी कंपनियों के संगठन नारेडको द्वारा आयोजित एक डिजिटल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि सर्किल दरों को कम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, अब समय आ गया है कि न बिक पाए घरों को निकाला जाए। उन्हें दबाकर बैठा न जाए। पुरी ने कहा कि ऐसा करने से आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और डेवलपरों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने हाल ही में आयकर नियमों को आसान किया है। इससे सर्किल दरों और लेन-देन की दरों का फर्क बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है। पुरी ने सर्किल दरें कम किए जाने की बात करते हुए कहा कि यह 20 प्रतिशत का फर्क आर्थिक गतिविधियों को तेज करेगा। आप सभी को अब कदम बढ़ाना चाहिए। न बिक पाए घरों से अब मुक्ति पाइए।