Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. SBI ने दी सलाह : पेट्रोल 2.65 रुपए तक हो सकता है सस्ता, बशर्ते राज्‍य सरकारें अतिरिक्‍त राजस्‍व-लाभ छोड़ दें

SBI ने दी सलाह : पेट्रोल 2.65 रुपए तक हो सकता है सस्ता, बशर्ते राज्‍य सरकारें अतिरिक्‍त राजस्‍व-लाभ छोड़ दें

राज्य सरकारें कच्चे तेल के दाम में उछाल के चलते होने वाले अपने संभावित अतिरिक्त राजस्व-लाभ को छोड़ने को तैयार हो तो पेट्रोल 2.65 रुपए और डीजल 2 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ताजा इकोरैप रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।

Edited by: Manish Mishra
Published on: May 28, 2018 20:49 IST
Petrol-Diesel Price- India TV Paisa

Petrol-Diesel Price

नई दिल्ली। राज्य सरकारें कच्चे तेल के दाम में उछाल के चलते होने वाले अपने संभावित अतिरिक्त राजस्व-लाभ को छोड़ने को तैयार हो तो पेट्रोल 2.65 रुपए और डीजल 2 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ताजा इकोरैप रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। एसबीआई की इस रिपोर्ट के अनुसार 19 राज्यों को मिला कर किए गए उसके विश्लेषण में यह दिखता है कि यदि कच्चे तेल के अंतराष्ट्रीय भाव मौजूदा स्तर पर बने रहे तो इन राज्यों को 2018-19 में कम 18,728 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। कुल तेल खपत में इन राज्यों का हिस्सा 93 प्रतिशत है।

तेल की कीमतों में एक डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि होने पर इन राज्यों को अपने बजट अनुमान से 2,675 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है। यदि ये इसे छोड़ दे तों उनकी उनकी राजकोषीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा अनुमान है कि राज्य पूरा अतिरिक्त राजस्व छोड़ दें तो पेट्रोल की कीमत में 2.65 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 2 रुपए प्रति लीटर की कमी की जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में यह सबसे अच्छी स्थिति हो सकती है।

रिपोर्ट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को और तर्कसंगत बनाने के लिए इनके मूल्य निर्धारण तंत्र पर विचार करने का भी सुझाव दिया गया है। इसके तहत राज्यों का वैट ईंधन के आधार मूल्य पर लगाने का सुझाव है जबकि अभी यह केंद्र सरकार का कर जोड़ कर बनी कीमत पर लगता है।

यदि ऐसे किया जाए तो पेट्रोल का भाव 5.75 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 3.75 रुपए प्रति लीटर कम हो सकता है। लेकिन इससे राज्यों को 34,627 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो सकता है। जो उनके सम्मिलित राजस्व घाटे के 0.2 प्रतिशत के बराबर है।

वहीं, दूसरी तरफ यदि केंद्र उत्पाद शुल्क में 1 रुपए की कमी करता है तो उसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क राजस्व में 10,725 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। राज्यों को विपरीत केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी करने से केंद्र का राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement