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पेट्रोल पंप कर्मचारियों को मिलेगा केंद्रीय स्तर का न्यूनतम वेतन, 9 लाख कर्मियों की सैलरी में होगा 50% इजाफा

तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंप डीलरों के मार्जिन में वृद्धि करते हुए उन्हें पेट्रोल पंप कर्मचारियों को केंद्रीय स्तर का न्यूनतम वेतन देने के लिए कहा है।

Abhishek Shrivastava
Updated : August 04, 2017 16:40 IST
पेट्रोल पंप कर्मचारियों को मिलेगा केंद्रीय स्तर का न्यूनतम वेतन, 9 लाख कर्मियों की सैलरी में होगा 50% इजाफा
पेट्रोल पंप कर्मचारियों को मिलेगा केंद्रीय स्तर का न्यूनतम वेतन, 9 लाख कर्मियों की सैलरी में होगा 50% इजाफा

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल पंप डीलरों के मार्जिन में वृद्धि करते हुए उन्हें पेट्रोल पंप कर्मचारियों को केंद्रीय  स्तर का न्यूनतम वेतन देने के लिए कहा है। कंपनियों के इस कदम से देशभर में पेट्रोल पंपों पर काम करने वाले करीब नौ लाख कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। इन कर्मचारियों को अब तक राज्यस्तरीय नयूनतम वेतन मिलता रहा है।

पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजिनक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार पेट्रोल पंप डीलरों का कमीशन एक अगस्त 2017 से बढ़ा दिया गया है। डीलरों को यह मार्जिन ईंधन की बिक्री मात्रा और श्रेणी के आधार पर दिया जाएगा। पेट्रोल के मामले में कमीशन में 9  से लेकर 43 प्रतिशत तक और डीजल के मामले में 11 से लेकर 59 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। इससे पहले डीलर मार्जिन में मार्च 2017 में संशोधन किया गया था।

इंडियन ऑयल का कहना है कि डीलर मार्जिन में मौजूदा संशोधन का बड़ा हिस्सा पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिए केंद्रीय न्यूनतम वेतन लागू करने के रूप में दिया गया है। यह सुविधा लागू होने से इन कर्मचारियों के वेतन में करीब 50 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। विज्ञप्ति के अनुसार पेट्रोल पंप डीलरों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह सभी कर्मचारियों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना कवर उपलब्ध कराएं।

कंपनी ने कहा है कि वह समय-समय पर डीलर मार्जिन में संशोधन करती है। पेट्रोल पंप चलाने की लागत बढ़ने, कर्मचारियों का वेतन बढ़ने, बिजली दरें बढ़ने अथवा कार्यशील पूंजी आदि जैसे विभिन्न कारकों को इसमें शामिल किया जाता है। कंपनी ने यह भी कहा है कि ग्रामीण और दूर दराज इलाकों में चलने वाले खुदरा बिक्री केंद्रों में जहां हर महीने 1.70 लाख लीटर से कम बिक्री होती है, उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए स्लैब के हिसाब से बेहतर श्रेणी में रखा गया है। इससे दूर दराज इलाकों में काम करने वाले पेट्रोल पंपों को फायदा होगा।

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